Superalloy Components for Indian Military: भारत तेजी से अपने सैन्य उत्पादन को बढ़ा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद ना सिर्फ हथियारों को बनाने की स्पीड तेज हुई, बल्कि इनके लिए इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट भी बनाए जा रहे हैं. भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है, जो Military Components को खुद ही बना सकते हैं. डिफेंस तकनीक के लिहाज से ये भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है.
भारत भी 6 देशों की फेहरिस्त में शामिल हुआ
दरअसल, भारत ने सैन्य उपकरण बनाने के लिए जरूरी सामग्रियों जैसे सुपरएलॉय, टैंटलम, टाइटेनियम और बेरिलियम में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है. Sputnik की रिपोर्ट बताती है कि भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है. इन सामग्रियों का इस्तेमाल मिसाइल, फाइटर जेट्स और सबमरीन जैसे जरूरी Military Equipment में होता है. ऐसी क्षमता अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और चीन जैसे देशों के पास है, भारत भी अब इस फेहरिस्त में आ चुका है.
ऑपरेशन सिंदूर में समझ आई इनकी जरूरत
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के स्वदेशी हथियारों ने अपनी ताकत को साबित किया. इस ऑपरेशन से भारत को यह भी समझ आया कि एडवांस मैटेरियल्स का उत्पादन कितना जरूरी है. इसके बाद भारत ने सुपरएलॉय और टाइटेनियम जैसी सामग्रियों के स्वदेशी उत्पादन पर फोकस किया है. टाइटेनियम एक ऐसी धातु है जो बहुत अधिक तापमान को सहन कर सकती है, यही कारण है कि इसे जेट्स, मिसाइल और सबमरीन जैसे हथियारों में इस्तेमाल किया जाता है. पहले भारत को ये जरूरी सामान विदेशों से आयात करनी पड़ता था, लेकिन अब स्वदेशी उत्पादन से बाहर के देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी.
ब्रह्मोस मिसाइल का कारखाना
यह बात तो जगजाहिर है कि ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया. इस सफलता के बाद उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के लिए एक नया कारखाना शुरू किया गया है. इस कारखाने को निजी क्षेत्र की कंपनी पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने स्थापित किया है. यह टाइटेनियम जैसे कच्चे माल का उत्पादन भी करेगा.
जरूरत के समय दबाव नहीं बना पाएगा दूसरा देश
पीटीसी इंडस्ट्रीज के सीएमडी सचिन अग्रवाल ने कहा कि पहले हमें जेट्स और सबमरीन के लिए जरूरी सामान के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था. अब भारत इनका उत्पादन अपने यहां कर सकता है, यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि अब कोई भी देश जरूरत के समय हमें ऐसे सामन की आपूर्ति रोककर दबाव नहीं बना सकता.