India Britain Historic free trade agreement: भारत और यू.के. ने एक ऐतिहासिक व्यापार समझौता किया है. इससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलने के साथ ही यह टैरिफ कम करने और दोनों देशों के उपभोक्ताओं को अधिक किफायती सामान उपलब्ध कराने में सहायक होगा. इस समझौता को दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. इससे ब्रिटिश उत्पादों पर भारतीय टैरिफ कम हो जाएगा, जिससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा.
समझौते की शर्तों के तहत, टैरिफ लाइनों के 90% पर भारतीय टैरिफ में कटौती की जाएगी, जिनमें से 85% अंततः एक दशक के भीतर पूरी तरह से टैरिफ-मुक्त हो जाएंगे.
विशेष रूप से व्हिस्की और जिन, दो प्रतिष्ठित ब्रिटिश निर्यातों पर टैरिफ 150% से घटकर 75% हो जाएगा. समझौता के तहत दसवें वर्ष तक इसे घटाकर 40% कर दिया जाए. साथ ही, कोटा सिस्टम के तहत ऑटोमोटिव टैरिफ 100% से घटकर केवल 10% रह जाएगा.
इस समझौते में कई अन्य ब्रिटिश वस्तुओं पर कम टैरिफ लगेगा, जिसमें कॉस्मेटिक, मेडिकल डिवाइस, एयरोस्पेस प्रोडक्ट, लैंब, सैल्मन, इलैक्ट्रिक सामान, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट और बिस्कुट शामिल हैं. ब्रिटेन के उपभोक्ताओं के लिए इसका मतलब है कि कपड़ों और जूतों से लेकर कई तरह की वस्तुओं पर सस्ती कीमतें मिलेंगी.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर कहा कि यह सौदा 'महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी' है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे 'ऐतिहासिक' बताया जो 'ब्रिटिश व्यवसाय, ब्रिटिश श्रमिकों और ब्रिटिश खरीदारों के लिए शानदार खबर है.'
भारत के व्यापार मंत्रालय ने कहा कि इस सौदे के तहत 99% भारतीय निर्यात पर कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा.
व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'यह हमें वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने के हमारे लक्ष्य के करीब लाता है. यह हमारे मूल हितों की रक्षा करता है जबकि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की अधिक भागीदारी के लिए दरवाजे खोलता है.'
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