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भारत में कितनी तेजी से हो रहे डिजिटल लेनदेन? हर किसी को हैरान कर देंगे पिछले 6 सालों के आंकड़े

पिछले 6 सालों में भारत में डिजिटल लेनदेन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. यूपीआई और अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए 65,000 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी टोटल वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही. सरकार और RBI की पहल से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ा है.

भारत में कितनी तेजी से हो रहे डिजिटल लेनदेन? हर किसी को हैरान कर देंगे पिछले 6 सालों के आंकड़े
  • छह साल में 65,000 करोड़ ट्रांजैक्शन
  • गांव शहर में बढ़ा यूपीआई का क्रेज
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देश में डिजिटल पेमेंट का चलन हर साल तेजी से बढ़ रहा है. गांव हो या शहर, आज लोग कैश की बजाय फोन से पेमेंट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. सरकार की ओर से संसद में पेश किए गए ताजा आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि भारत अब डिजिटल ट्रांजैक्शन के मामले में दुनिया के सबसे आगे बढ़ते देशों में शामिल हो चुका है.

65 हजार करोड़ ट्रांजैक्शन
सरकार ने बताया है कि वित्त वर्ष 2020 से लेकर 2025 तक भारत में कुल 65,000 करोड़ से ज्यादा डिजिटल लेनदेन हुए हैं. इन ट्रांजैक्शनों की कुल वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा रही है. ये आंकड़े दिखाते हैं कि कैसे देशभर में लोग डिजिटल पेमेंट को अपना चुके हैं.

छोटे शहरों में भी असर
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए RBI और NPCI, फिनटेक कंपनियों, बैंकों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है. छोटे शहरों और गांवों में भी लोग अब डिजिटल पेमेंट को तेजी से अपना रहे हैं.

करोड़ों डिजिटल टचपॉइंट
RBI ने 2021 में पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (PIDF) की शुरुआत की थी ताकि टियर-3 से लेकर टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा सके. अब तक इस फंड की मदद से देशभर में 4.77 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट लगाए जा चुके हैं.

RBI का डिजिटल इंडेक्स
डिजिटल पेमेंट को ट्रैक करने के लिए आरबीआई ने Digital Payments Index (RBI-DPI) तैयार किया है. सितंबर 2024 में यह इंडेक्स 465.33 रहा, जो साफ दिखाता है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन लगातार बढ़ रहे हैं.

यूपीआई बना गेमचेंजर
सरकार ने कहा कि यूपीआई जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने छोटे दुकानदारों, रेहड़ी-पटरी वालों और गांव के लोगों को भी डिजिटल पेमेंट में सक्षम बनाया है. इससे नकद लेनदेन कम हुआ है और लोग तेजी से बैंकिंग सिस्टम से जुड़ रहे हैं.

कारोबारियों को फायदा
सरकार, आरबीआई और एनपीसीआई की कोशिशों से MSME और छोटे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट से काफी फायदा हुआ है. उनका ग्राहक बेस बढ़ा है और लेनदेन आसान हुआ है.

आम लोगों को भी मदद
डिजिटल पेमेंट अब गांव और दूर-दराज इलाकों तक पहुंच चुका है. इससे गरीब और जरूरतमंद लोग भी अब आसानी से वित्तीय सेवाओं का फायदा उठा पा रहे हैं.

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