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Defence Budget: भारत के पहले बजट में रक्षा क्षेत्र को मिला था बंपर हिस्सा, 1947 में डिफेंस सेक्टर पर खर्च हुए इतने रुपये!

India First Defence Budget: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुल बजट में से 13.44% हिस्सा रक्षा क्षेत्र के लिए रखा है. लेकिन भारत के पहले बजट में डिफेंस सेक्टर को 46% हिस्सा मिला था. कुछ माह पहले ही भारत और पाक का विभाजन हुआ था.

Defence Budget: भारत के पहले बजट में रक्षा क्षेत्र को मिला था बंपर हिस्सा, 1947 में डिफेंस सेक्टर पर खर्च हुए इतने रुपये!
  • 26 नवंबर 1947 में आया पहला बजट
  • बजट का 46% रक्षा क्षेत्र को मिला

नई दिल्ली: India First Defence Budget: देश साल 2025-26 के लिए आम बजट पेश कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत का डिफेंस बजट 6.81 लाख करोड़ का रखा है. यह कुल बजट का 13.44 फीसदी है. हालांकि, इस बार रक्षा बजट पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले कम बढ़ा है. बीते साल 6.21 लाख करोड़ का रक्षा बजट था, इसमें इस बार 9.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन देश के पहले बजट में रक्षा क्षेत्र को खूब सारा पैसा मिला था. 

आजाद भारत का पहला बजट
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश हुआ था. इसे तब के वित्त मंत्री आरके शनमुघम चेट्टी ने पेश किया था. तब देश में दंगे हो रहे थे, ऐसे वक्त में ही देश का पहला बजट पेश हुआ था. खास बात ये है कि यह बजट मात्र साढ़े 7 महीने के लिए ही था. 

कुल बजट का 46% रक्षा क्षेत्र को मिला
भारत का पहला बजट कुल 197.39 करोड़ रुपए के आसपास था. इसमें से 92.74 करोड़ रुपए तो केवल रक्षा क्षेत्र के लिए ही आवंटित हुए थे. आम बजट का 46% हिस्सा तो केवल रक्षा क्षेत्र पर ही खर्च हुआ था.

पहले बजट में रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता क्यों?
पहले बजट में स्पष्ट तौर पर रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता मिली. कुल बजट का 46% हिस्सा तो डिफेंस के लिए ही रखा गया था. चलिए, जानते हैं कि इतना सारा पैसा रक्षा बजट को क्यों अलॉट हुआ था?
- भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ था. इस दौरान रक्षा संसाधनों से लेकर आर्मी तक का बंटवारा हुआ था. इसलिए भारत को नए संसाधनों की आवश्यकता थी.
- भारत में तब दंगे हो रहे थे. भारत को आंतरिक सुरक्षा के लिए भी कड़े कदम उठाने थे. इस कारण भी रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ा बजट रखा गया.
- सैनिकों के प्रशिक्षण, नए सैनिकों को रिक्रूट करने के लिए इस बजट में धन शामिल था. सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तब बड़े बजट की जरूरत थी.

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