trendingNow1zeeHindustan2712116
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

भारत का फ्रांस से हो सकता है बड़ा डिफेंस सौदा, इस बार 114 राफेल जेट्स खरीद सकती है भारतीय वायुसेना

Rafale jets deal: सौदे जो होगा उसमें कुछ विमान उड़ान भरने की स्थिति में ही मिलेंगे, लेकिन बाकी का निर्माण स्थानीय स्तर पर किया जाएगा, जिसमें कई भारतीय कंपनियों से बड़े पैमाने पर पुर्जे लिए जाएंगे.

भारत का फ्रांस से हो सकता है बड़ा डिफेंस सौदा, इस बार 114 राफेल जेट्स खरीद सकती है भारतीय वायुसेना

India-France Big defence deal expected: भारत वायुसेना की घटती ताकत को मजबूत करने के लिए हाई फाई राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जा सकते हैं. इन विमानों की संख्या इस बार 100 से ऊपर रहेगी. भारत स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग के साथ 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) के लिए सीधे सरकार-से-सरकार (G2G) सौदे के लिए फ्रांस के साथ बातचीत शुरू कर सकता है.

रक्षा एवं सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि MRFA सौदे में राफेल लड़ाकू विमान शामिल होंगे. बता दें कि ऐसे 36 विमान मोदी सरकार ने 2016 में खरीदे थे.

रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे में फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारत में रक्षा उद्योग की अग्रणी कंपनी के साथ साझेदारी में अंतिम असेंबली लाइन स्थापित करेगी, जिसे विमानन क्षेत्र में अनुभव है.

बताया गया सौदे जो होगा उसमें कुछ विमान उड़ान भरने की स्थिति में ही मिलेंगे, लेकिन बाकी का निर्माण स्थानीय स्तर पर किया जाएगा, जिसमें कई भारतीय कंपनियों से बड़े पैमाने पर पुर्जे लिए जाएंगे.

बता दें कि अपनी ओर से डसॉल्ट एविएशन ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि भारत में प्लांट स्थापित करने के लिए कम से कम 100 विमानों का ऑर्डर होना चाहिए.

ऐसी जानकारी है कि वायुसेना के लिए खरीदे जा रहे इन विमानों के सौदे पर फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाएंगे. सूत्रों के अनुसार अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन इसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जा सकता है.

भारतीय वायु सेना (IAF) के पास स्वीकृत 42.5 के मुकाबले 31 स्क्वाड्रन लड़ाकू विमान हैं. वायु सेना अपनी संख्या को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दे रही है. फरवरी में, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने कहा था कि उनके बल को सालाना 35-40 विमानों की सख्त जरूरत है और प्रौद्योगिकी के मामले में यह बहुत पीछे है.

क्या भारत बनेगा राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर?
फ्रांसीसी एयरोस्पेस निर्माता को उम्मीद है कि यदि भारत को MRFA के तहत 114 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति का अनुबंध मिल जाता है, तो वह राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर बन सकता है.

डसॉल्ट एविएशन भारतीय वायु सेना (IAF) में फ्रांसीसी मूल के लड़ाकू विमानों को सहायता प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश में एक रखरखाव मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा स्थापित कर रहा है. बता दें कि फिलहाल IAF 1980 के दशक में शामिल किए गए 50 मिराज-2000 विमानों और पिछले कुछ वर्षों में शामिल किए गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों का संचालन करता है.

अगर भारतीय वायुसेना को 114 MRFA की आपूर्ति हो जाती है तो भारत के राफेल बेड़े में 176 जेट शामिल हो जाएगा. इसकी तुलना में फ्रांसीसी वायु सेना के पास 185 राफेल हैं और फ्रांसीसी नौसेना के पास 46 राफेल हैं.

2040 तक डसॉल्ट को उम्मीद है कि भारतीय नौसेना फ्रांसीसी नौसेना को पीछे छोड़कर राफेल एम लड़ाकू विमानों का सबसे बड़ा ऑपरेटर बन सकती है.

26 मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा हुआ फाइनल
यह जो 100 से ऊपर विमानों को खरीदने की बात सामने आ रही है, यह बीत दिन हुए एक बड़ी डील के तुरंत बाद है. दरअसल, प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के लिए 63,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दे दी गई है. राफेल एम फ्रांसीसी राफेल का नेवी का वर्जन है.

इससे जहां भारतीय नेवी की शक्ति बढ़ेगी. सरकार से सरकार के बीच होने वाले इस सौदे में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर विमान शामिल होंगे. साथ ही बेड़े के रखरखाव, लॉजिस्टिकल सपोर्ट, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी विनिर्माण कंपोनेंट्स का पूरा पैकेज ऑफसेट के रूप में शामिल होगा. इस समझौते में नौसेना के सैनिकों के लिए ट्रेनिंग भी शामिल है. बताया गया कि भारतीय नौसेना को 2029 के अंत तक इन राफेल एम विमानों का पहला बैच मिलने की उम्मीद है, जबकि पूरा ऑर्डर 2031 तक पूरा हो जाएगा.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More