India Vs China Military War: भारत ने पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिये तगड़ी पटखनी दी थी. पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों से लेकर सैन्य बेस तक नष्ट किए गए थे. लेकिन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने का कहना है कि ये लड़ाई महज भारत-पाकिस्तान की नहीं थी, बल्कि चीनी और भारत की स्वदेशी तकनीकों की भी अग्नि परीक्षा थी, जिसे पूरी दुनिया ने देखा.
सुरक्षा विशेषज्ञ बोले- पाक की सेना चीनी हथियारों से लैस थी
सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर (न्यूयॉर्क के मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में Urban Warfare Studies के अध्यक्ष) ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह ऑपरेशन आतंकी हमले के खिलाफ भारत की नीति को दर्शाता है. यह कार्रवाई भारत की सैन्य तैयारियों और रणनीति का भी प्रतीक थी. पाकिस्तान की सेना मुख्य रूप से चीनी हथियारों से लैस है. इसलिए ऑपरेशन सिंदूर भारत की स्वदेशी तकनीकों और चीन की सैन्य तकनीकों के बीच एक परीक्षा थी.
चीन के लिए पाल एक 'प्रयोगशाला'
स्पेंसर ने आगे कहा कि चीन पाकिस्तान को अपनी रक्षा तकनीकों के लिए एक 'प्रयोगशाला' की तरह इस्तेमाल करता है. इस ऑपरेशन में भारत ने अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया, जिसे सैटेलाइट फुटेज और वीडियो जैसे सबूतों से देखा जा सकता है. यह दुनिया के लिए यह समझने का मौका था कि भारत की तकनीक कितनी प्रभावी है.
एक दशक में भारती की ताकत बढ़ी
स्पेंसर के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर का अध्ययन करने से यह समझ आता है कि भारत ने पिछले एक दशक में अपनी सैन्य तैयारियों और तकनीकी नवाचारों में काफी प्रगति की है. भारत की यह तैयारी भविष्य के खतरों से निपटने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि दुश्मन का अगला कदम भांप नहीं सकते, लेकिन भारत की बढ़ती ताकत उससे निपटने की क्षमता को मजबूत कर रही है.
पाक तलाश सकता है दूसरा ऑप्शन
एक्सपर्ट स्पेंसर ने पाकिस्तान की सैन्य कमजोरियों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि चीनी हथियारों की मजबूती सवालों के घेरे में है. पाकिस्तान अब अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए नई तकनीकों की तलाश कर सकता है, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से कर्ज लेने की मजबूरी के बावजूद, पाकिस्तान उन्नत तकनीकों की खोज में रहेगा.