JVPC Submachine Gun: भारत अपने स्वदेशी हथियारों के जखीरे को बढ़ाते आ रहा है. अब भारत की ऐसी गन देश के अंदर के दुश्मनों का सफाया करने के लिए तैयार की गई है. इस सबमशीन गन का नाम JVPC (जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन) है. ये खासकार नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख हथियार साबित हो सकती है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) ने मिलकर तैयार किया है.
JVPC सबमशीन गन क्या है?
JVPC सबमशीन को विशेषकर भारतीय सेना के लिए बनाया गया था. लेकिन अब इसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और विभिन्न राज्य पुलिस बलों को दिया जाएगा. इनमें भी छत्तीसगढ़ में नक्सल-विरोधी अभियानों में शामिल बलों को ये बंदूक थमाई जाएगी. इस गन का डिजाइन इजरायली उजी बंदूक से प्रेरित है. यह वजन में हल्की, कॉम्पैक्ट, और तेज फायरिंग करने वाली गन है.
JVPC सबमशीन गन में क्या खासियतें?
- JVPC 5.56×30mm कैलिबर की स्वदेशी सबमशीन गन है.
- यह एक मिनट के भीतर 700 से अधिक राउंड फायर कर सकती है.
- यह वजन में हल्की है. पॉलिमर से बनी होने के कारण, इसे ले जाना आसान है.
- इस सबमशीन गन की रेंज करीब 200 मीटर तक प्रभावी रहती है.
- इस गन में साइलेंसर भी फिट हो सकता है, जो सीक्रेट ऑपरेशन अंजाम दे सकता है.
शाह ने कही थी वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने की बात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज गिनाए थे. इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उनके कार्यकाल में नक्सलवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो रही है. गृह मंत्री शाह ने ये भी कहा कि वामपंथी उग्रवाद 31 मार्च, 2026 खत्म हो जाएगा. अब ये माना जा रहा है कि सुरक्षा बल तेजी से नक्सलवाद का सफाया कर सकते हैं.
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