भारत एक ऐसा देश है जिसकी संस्कृति और परंपराएं हजारों साल पुरानी हैं. यहां के हर कोने में कोई न कोई अनोखी चीज देखने को मिलती है. ऐसा ही एक पहलू है भारत के पारंपरिक खेलों का. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पुराना खेल कौन सा है? बहुत लोगों को लगता होगा क्रिकेट या हॉकी, लेकिन भारत का सबसे पुराना खेल 'कुश्ती' है. यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भारत की मिट्टी से जुड़ी हुई एक परंपरा है, जिसे सदियों से निभाया जा रहा है.
कुश्ती का इतिहास
कुश्ती की शुरुआत भारत में वैदिक काल से मानी जाती है. ऋग्वेद और महाभारत जैसे ग्रंथों में भी इसका जिक्र मिलता है. महाभारत में भीम और जरासंध की मल्लयुद्ध (कुश्ती) का वर्णन बहुत प्रसिद्ध है. यह बताता है कि प्राचीन समय में कुश्ती सिर्फ मनोरंजन नहीं थी, बल्कि योद्धाओं की ताकत और युद्ध कौशल का एक तरीका भी थी.
पुराने समय में इसे 'मल्लयुद्ध' कहा जाता था और यह राजाओं के दरबारों में, यह एक लोकप्रिय खेल हुआ करता था. इसमें शरीर की शक्ति, संतुलन, मानसिक दृढ़ता और तकनीक की परीक्षा होती थी. समय के साथ यह मल्लयुद्ध कुश्ती में बदल गया, लेकिन इसका मूल भाव आज भी वही है.
अखाड़ा और पहलवान
भारत में आज भी कई गांवों और शहरों में अखाड़े मौजूद हैं, जहां पहलवान मिट्टी पर अभ्यास करते हैं. इन अखाड़ों में पहलवान सुबह-सुबह उठकर कड़ा प्रशिक्षण लेते हैं, खासकर देसी खानपान और नियमों का पालन करते हैं. दूध, घी, बादाम और सादा भोजन इनकी डाइट का हिस्सा होता है.
कुश्ती न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है, बल्कि मानसिक रूप से भी अनुशासन सिखाती है. यही कारण है कि आज भी बहुत से युवा इस खेल को बेहद पसंद करते हैं.
आधुनिक कुश्ती और ओलंपिक
समय के साथ कुश्ती में बदलाव आया और अब यह एक अंतरराष्ट्रीय खेल बन चुका है. भारत के कई पहलवान जैसे सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, और बजरंग पुनिया ने ओलंपिक और अन्य प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन किया है.