India Pakistan naval exercise in Arabian Sea: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद, दोनों देशों के बीच भीषण संघर्ष हुआ. जिसमें भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी. इसी बीच खबर है कि भारत-पाकिस्तान के कई जंगी जहाज एक साथ अरब सागर में उतर रहे हैं. आइए इसके पीछे की असली वजह जानते हैं.
अरब सागर में क्यों बढ़ी हलचल?
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारतीय नौसेना 11 और 12 अगस्त को अरब सागर में नौसैनिक अभ्यास करेगी. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना और किसी भी आपात स्थिति के लिए अपनी तैयारी को परखना है. भारत ने इस दौरान हवाई यातायात को नियंत्रित करने के लिए एक नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) भी जारी किया है.
दिलचस्प बात यह है कि इसी समय पाकिस्तान नौसेना ने भी अपने जल क्षेत्र में नौसैनिक अभ्यास की घोषणा की है. पाकिस्तान ने भी इसके लिए अपना खुद का NOTAM जारी किया है. हालांकि दोनों देशों का दावा है कि ये अभ्यास नियमित हैं, लेकिन इनकी टाइमिंग और जगह ने विश्लेषकों का ध्यान खींचा है. क्योंकि दोनों अभ्यास एक-दूसरे से लगभग 60 नॉटिकल मील की दूरी पर होंगे.
ऑपरेशन सिंदूर का असर अभी भी जारी
यह सैन्य गतिविधि अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुई थी, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी. इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जिसके तहत भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे. यह माना जा रहा है कि अरब सागर में हो रहा यह नौसैनिक अभ्यास भी उसी ऑपरेशन का विस्तार है, जिसके जरिए भारत पाकिस्तान को एक सख्त संदेश देना चाहता है.
समुद्र में भारत का दबदबा कायम
भारतीय नौसेना का यह अभ्यास उसकी बढ़ती समुद्री शक्ति और हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने की इच्छा है. इस अभ्यास में युद्धपोतों और विमानों को शामिल किया जाएगा, जिससे भारत की नौसेना अपनी परिचालन तैयारी का प्रदर्शन करेगी. पाकिस्तान का अभ्यास भी अपनी समुद्री सुरक्षा को बनाए रखने और भारत को एक जवाबी संदेश देने का प्रयास है.
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