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Su-57 की पॉवर को कई गुना बढ़ा देगी ये भारतीय तकनीक, रूसी फाइटर जेट की ताकत में लगेंगे चार चांद!

रूस का फाइटर जेट Su-57 इस समय काफी चर्चा में बना हुआ है. हाल ही में भारत को रूस की ओर से Su-57 को लेकर एक खास ऑफर दिया गया है गया है. हालांकि, भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी का कहना है कि फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है. 

Su-57 की पॉवर को कई गुना बढ़ा देगी ये भारतीय तकनीक, रूसी फाइटर जेट की ताकत में लगेंगे चार चांद!
  • भारत की उन्नत रडार तकनीक से बेहतर होगा Su-57
  • भारत ने अभी तक नहीं लिया Su-57 खरीदने का फैसला

नई दिल्ली: रूस के फाइटर जेट Su-57 को लेकर भारत को एक खास ऑफर दिया गया है, जिसे लेकर हाल ही में भारतीय वायु सेना (IAF) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक इंटरव्यू में खुलकर बात की है. उन्होंने इस दौरान रूस के साथ Su-57 फाइटर जेट के सौदे और तकनीक हस्तांतरण (Transfer of Technology- ToT) के प्रस्ताव को लेकर खुलासा किया है. दरअसल, रूस ने भारत को अपने पांचवीं जनरेशन के स्टील्थ फाइटर जेट Su-57 की तकनीक देने का ऑफर दिया है. 

IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपनी स्वदेशी रडार तकनीक, खासकर उत्तम गैलियन नाइट्राइड (GaN) पर आधारित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार को इसमें शामिल करना चाहता है, क्योंकि यह रूस की मौजूदा तकनीक से बेहतर माना जा रहा है. हालांकि, फिलहाल भारतीय वायुसेना रूस के इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है और इसकी अन्य विकल्पों, जैसे अमेरिका के F-35 जेट और स्वदेशी AMCA प्रोग्राम के साथ तुलना भी की जा रही है.

रडार की खासियतें

यह रडार GaN-आधारित है, जो पारंपरिक गैलियम आर्सेनाइड (GaAs) तकनीक से बेहतर है. GaN तकनीक अधिक शक्ति दक्षता, लंबी रेंज और बेहतर थर्मल प्रबंधन प्रदान करती है, जिससे रडार का प्रदर्शन बढ़ता है. उत्तम रडार में 1,400 से भी ज्यादा ट्रांसमिट/रिसीव (T/R) मॉड्यूल हैं, जिसकी वजह से यह लंबी दूरी तक लक्ष्य का पता लगाने में सक्षम बनता है. इसके अलावा ये उच्च रिजॉल्यूशन के साथ ट्रैक करने में भी सक्षम होता है. यह हवा में एक साथ कई लक्ष्यों को रैक कर सकता है, जो इसे आधुनिक युद्ध में भी बहुत प्रभावी बनाता है. खासकर उस वक्त जब दुश्मन के पास कई विमान या मिसाइलें हों. बता दें कि भारत के उत्तम GaN AESA रडार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) द्वारा एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के लिए विकसित किया जा रहा है.

अब भी विचार कर रहा भारत

IAF अधिकारी का कहना है कि भारत अपनी उत्तम रडार को Su-57 में एकीकृत करना चाहता है. लेकिन IAF ने अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है. IAF इस प्रस्ताव पर कोई भी फैसला लेने से पहले सभी विकल्पों से तुलना कर रहा है. जैसे अमेरिका का F-35 फाइटर जेट या भारत का अपना AMCA प्रोग्राम, जिसे विदेशी सहयोग के साथ तेज किया जा सकता है. IAF यह देखने की कोशिश कर रहा है कि उसकी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट की जरूरतों के लिए कौन सा विकल्प सबसे अच्छा होने वाला है. दूसरी ओर इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि भारत अपनी स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना चाहता है.

Su-57 की खासियत

वहीं, Su-57 की खूबियों पर बात करें तो रूस का ये लड़ाकू विमान 5th जनरेशन का फाइटर जेट है. इसमें दो सुपरसोनिक स्पीड वाले दो इंजन लगे हैं. ये जेट 3,500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर पाने में सक्षम है. इतना ही नहीं, Su-57 में दुनिया के सबसे एडवांस एवियोनिक्स लगे हैं. इस विमान की गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट्स में की जाती है.

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