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अचानक 'ब्रह्मोस' का जखीरा क्यों खरीद रही इंडियन एयरफोर्स? सुखोई के साथ पनडुब्बी से भी होगी लॉन्च; आखिर किसकी तैयारी

BrahMos missile India: ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. जो अपने सटीक हमले व उच्च मारक क्षमता के लिए दुनिया भर में अलग पहचान रखती है.

अचानक 'ब्रह्मोस' का जखीरा क्यों खरीद रही इंडियन एयरफोर्स? सुखोई के साथ पनडुब्बी से भी होगी लॉन्च; आखिर किसकी तैयारी
  • भारतीय नौसेना पनडुब्बियों को ब्रह्मोस से करेगी लैस
  • इंडियन एयरफोर्स व नेवी मिलकर देंगे मेगा ऑर्डर

BrahMos missile India: भारतीय वायुसेना और नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइलों की असाधारण मारक क्षमता को देखने के बाद, इन मिसाइलों के एक मेगा ऑर्डर की तैयारी कर ली है. इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस ने पाकिस्तान में अपने लक्ष्यों को भेदकर इतनी भारी तबाही मचाई कि दुश्मन को सिर्फ चार दिनों के भीतर ही युद्धविराम की गुहार लगानी पड़ी. ऐसे में, ब्रह्मोस की सफलता देखने के बाद, अब बड़े पैमाने पर इनकी खरीद की जा रही है. हालांकि, अचानक बड़े पैमाने पर खरीदारी किस बात की ओर इशारा कर रही, आइए सारा माजरा आसान भाषा में समझते हैं.

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और ब्रह्मोस की ताकत
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों में सटीक हमले करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया. ये मिसाइलें पाकिस्तान के एयरबेस और सेना के ठिकानों को निशाना बनाने में पूरी तरह सफल रहीं.

सफल ऑपरेशन के बाद, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस सफलता की तारीफ करते हुए बताया था कि ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल पाकिस्तान के पंजाब में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय को नष्ट करने के लिए किया गया था, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए थे.

इस ऑपरेशन की सफलता के बाद ही तीनों सेनाओं ने ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए एक बड़े खरीद सौदे को मंजूरी देने के लिए उच्च-स्तरीय बैठकें करने का फैसला किया है.

वायुसेना और नौसेना की नई रणनीति
इस मेगा ऑर्डर के तहत, भारतीय वायुसेना और नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमताओं को और भी ज्यादा बढ़ जाएंगी. रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेना अपने रूस में बने लड़ाकू विमानों, सुखोई-30 MKI में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करेगी. इन मिसाइलों को विमान से लॉन्च करने से उनकी रेंज और हमला करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है.

वहीं, भारतीय नौसेना अपनी Kalvari-क्लास पनडुब्बियों को भी इन मिसाइलों से लैस करेगी. पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता भारत को हिंद महासागर में एक निर्णायक सामरिक बढ़त देगी, क्योंकि दुश्मन को पानी के नीचे से आने वाले हमले का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल हो जाएगा.

'ब्रह्मोस' की खासियत और मारक क्षमता
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज और सबसे घातक क्रूज मिसाइलों में से एक है. बता दें, यह मिसाइल 2.8 से 3.0 मैक की सुपरसोनिक गति से चलती है, जिससे दुश्मन के लिए इसका पता लगाना और इसे रोकना लगभग असंभव हो जाता है. वहीं, ब्रह्मोस अपने लक्ष्य पर बेहद सटीक तरीके से हमला करती है.

इसकी सबसे बड़ी खासियत कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च करने की है. इसे जमीन, जहाज, पनडुब्बी और विमान से लॉन्च किया जा सकता है. जिससे यह मल्टीरोल हथियार बन जाती है, जिसका इस्तेमाल किसी भी युद्ध के माहौल में किया जा सकता है.

ऐसे में, यह मेगा ऑर्डर दिखाता है कि भारत अब अपने रक्षा उपकरणों पर पूरी तरह भरोसा कर रहा है और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी सैन्य ताकत को लगातार बढ़ा रहा है.

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