trendingNow1zeeHindustan2828176
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

इंडियन एयरफोर्स की 'अस्त्र' मिसाइल से लैस होगा ये ताकतवर देश, रूसी हथियारों को कहेगा बाय-बाय

Astra Missile for Su-30SM Fighter jet: इस डील से भारत एक भरोसेमंद हथियार सप्लायर के तौर पर उभरेगा और स्वदेशी डिफेंस टेक्नोलॉजी पर दुनिया का भरोसा बढ़ेगा.

इंडियन एयरफोर्स की 'अस्त्र' मिसाइल से लैस होगा ये ताकतवर देश, रूसी हथियारों को कहेगा बाय-बाय
  • रूसी मिसाइलों से ज्यादा है अस्त्र की रेंज
  • सुखोई-30SM की ताकत में करेगा इजाफा

Indian Missile astra range: भारत की मिसाइल ताकत की दुनिया दिवानी है. जिसकी असली ताकत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हर किसी ने देखी. यही वजह है कि कई देश अपनी हवाई ताकत को बढ़ाने के लिए भारतीय मिसाइलों को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. बता दें, आर्मेनिया अब भारतीय 'अस्त्र Mk1' मिसाइलों को खरीदने पर विचार कर रहा है. आइए इसके पीछे की असली वजह जानते हैं.

'अस्त्र Mk1' आर्मेनिया के लिए क्यों है खास?
भारत और आर्मेनिया के बीच रक्षा सहयोग में एक बड़ा डेवलपमेंट हुआ है. आर्मेनियाई एयरफोर्स अपने चार Su-30SM मल्टीरोल फाइटर जेट्स के बेड़े में भारत की 'अस्त्र Mk1' बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) को शामिल करने की चर्चा कर रहा है. 

IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कदम से आर्मेनिया रूसी R-77 BVRAAM मिसाइलों को हटा देगा, जिनकी अधिकतम रेंज 80 किमी है. जबकि अस्त्र Mk1 मिसाइल की रेंज 110 किमी है. जैसे ही आर्मेनिया इन मिसाइलों को अपने बेड़े में शामिल करेगा, वैसे ही आर्मेनियाई एयरफोर्स की हवाई ताकत कई गुना तक बढ़ जाएगी.

बता दें, आर्मेनिया ने अपने चार Su-30SM फाइटर जेट्स 2020 में रूस से खरीदे थे, जो उसकी हवाई रक्षा की रीढ़ हैं.

क्या हैं अस्त्र Mk1 की खासियतें?
अस्त्र Mk1 मिसाइल को भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने बनाया है. यह एक अत्याधुनिक BVRAAM मिसाइल है, जिसमें एक्टिव रडार होमिंग और स्मोकलेस प्रोपल्शन सिस्टम है. यह 100 किमी से ज्यादा की रेंज में टारगेट को निशाना बना सकती है.

वहीं, इंडियन एयरफोर्स के Su-30MKI बेड़े में इसका इंटीग्रेशन इंडो-रशियन डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर के जरिए आसानी से हो गया है, जिससे इंडियन-मेड वेपन सिस्टम्स को बिना किसी दिक्कत के आर्मेनिया के फाइटर जेट्स में आसानी से फिट किया जा सकता है.

भारत की बढ़ती डिफेंस ताकत
अगर यह डील आने वाले महीनों में फाइनल हो जाती है, तो आर्मेनिया भारतीय वायुसेना के बाद 'अस्त्र BVRAAM' का दूसरा ऑपरेटर बन जाएगा. यह भारत की स्वदेशी रक्षा टेक्नोलॉजी में बढ़ते भरोसे का एक बड़ा संकेत है, जो दुनिया भर में भारत की बढ़ती डिफेंस ताकत की ओर इशारा करता है. वहीं, दूसरी ओर भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की भी ग्लोबल मार्केट में काफी डिमांड बढ़ी है.

ये भी पढ़ें- भारतीय सेना के 'जंगी कवच' पर फिदा हुआ ये यूरोपीय देश, विदेशी धरती पर दुश्मनों का काल बनेगा देसी व्हैप व्हीकल

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More