trendingNow1zeeHindustan2851771
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

पांचवीं पीढ़ी से एक कदम आगे, ऐसा होगा भारत का छठे जनरेशन का फाइटर जेट, ताकत छोड़ें देखकर ही दूर भागेगा दुश्मन

IAF News: भारत 'फ्लाइंग विंग' डिजाइन पर आधारित छठी पीढ़ी के मानवरहित लड़ाकू विमान को विकसित करने के लिए तकनीकी रूप से तैयार नजर आ रहा है. दूसरी ओर अभी पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) कार्यक्रम तेजी से चल रहा है.

पांचवीं पीढ़ी से एक कदम आगे, ऐसा होगा भारत का छठे जनरेशन का फाइटर जेट, ताकत छोड़ें देखकर ही दूर भागेगा दुश्मन

Indian Air Force Sixth Generation Fighter Jet: भारत फिलहाल पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट तैयार करने की दिशा में प्रगति कर रहा है, लेकिन इस भारत के लिए खासकर इंडियन एयरफोर्स के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, इंजीनियर तैयार हैं छठी पीढ़ी के फाइटर जेट पर काम करने के लिए.

एडवांस हवाई युद्ध प्रणालियों में भारत के भविष्य की ओर इशारा करते हुए एक महत्वपूर्ण खुलासा करते हुए, तेजस लड़ाकू विमान के मुख्य डिजाइनर डॉ. कोटा हरिनारायण ने कहा है कि भारत 'फ्लाइंग विंग' डिजाइन पर आधारित छठी पीढ़ी के मानवरहित लड़ाकू विमान को विकसित करने के लिए तकनीकी रूप से तैयार है. रिपब्लिक डिफेंस से बात करते हुए, डॉ. हरिनारायण ने बताया कि इस फ्यूचरिस्टिक प्लेटफॉर्म के स्केल मॉडल पिछले कुछ वर्षों से उड़ान भर रहे हैं.

मानवरहित लड़ाकू विमान बनाने की तैयारी
उन्होंने कहा, 'यदि सरकार पूर्ण पैमाने पर छठी पीढ़ी के मानवरहित लड़ाकू विमान बनाने का निर्णय लेती है, तो हम तकनीकी रूप से तैयार हैं.' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके लिए पर्याप्त आधारभूत कार्य पहले ही किया जा चुका है.'

डॉ. हरिनारायण ने केवल पंखों वाले प्लेटफॉर्म को उड़ाने से जुड़ी चुनौतियों के बारे में बताया, जिसे आमतौर पर फ्लाइंग विंग कहा जाता है, जिसमेंपारंपरिक वर्किटल और हॉरिजॉन्टल स्टेबलाइजर नहीं होते. उन्होंने कहा, 'यह कोई आसान काम नहीं है, आपको बिना किसी वर्किटल और हॉरिजॉन्टल पूंछ वाले पंख को उड़ाना होता है और हमने यह कर दिखाया है.' उन्होंने ऐसे विमानों के लिए आवश्यक एयरोडायनामिक नियंत्रण और उड़ान स्थिरता प्रणालियों में एक बड़ी सफलता की ओर इशारा किया.

हालांकि डॉ. हरिनारायण ने परियोजना का नाम स्पष्ट रूप से नहीं बताया, लेकिन उनकी टिप्पणियां स्पष्ट रूप से घातक मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन (UCAV) कार्यक्रम की ओर इशारा करती हैं, जिसका विकास भारत की वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) द्वारा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सहयोग से किया जा रहा है. माना जाता है कि घातक भारत का पहला स्टेल्थ, स्वायत्त स्ट्राइक प्लेटफॉर्म है जो फ्लाइंग विंग कॉन्फिगरेशन पर आधारित है और कावेरी इंजन के एक ड्राई संस्करण, कावेरी ड्राई इंजन द्वारा संचालित है.

लड़ाकू विमान या UCAV?
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि घातक कार्यक्रम के तहत परीक्षण किया जा रहा वही डिजाइन और प्लेटफॉर्म सीधे भारत के छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान में विकसित होगा या नहीं. छठी पीढ़ी के प्लेटफॉर्म में पूर्ण-स्पेक्ट्रम स्टील्थ, उन्नत सेंसर, एआई-संचालित स्वायत्तता, वैकल्पिक रूप से मानवयुक्त विन्यास, ड्रोन टीमिंग और निर्देशित-ऊर्जा हथियार जैसी अतिरिक्त क्षमताएं शामिल होने की उम्मीद है, यह ऐसी चीजें हैं जो घातक UCAV’s  की प्राथमिक स्ट्राइक भूमिका से कहीं आगे जाती हैं.

फिर भी, डॉ. हरिनारायण की टिप्पणियां इस बात की एक महत्वपूर्ण स्वीकृति हैं कि भारत अब केवल वैश्विक एयरोस्पेस प्लेयर्स की बराबरी करने की कोशिश नहीं कर रहा है, बल्कि सक्रिय रूप से ऐसी तकनीकों का विकास कर रहा है जो उसे छठी पीढ़ी की वायु युद्ध प्रणालियों के टॉप में शामिल कर सकें.

भारत के पांचवीं पीढ़ी के जेट
भारत के पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) कार्यक्रम का उत्पादन 2030 के दशक के मध्य तक शुरू होने की उम्मीद है, इसलिए छठी पीढ़ी का कोई भी विकास 2040 के दशक की समय-सीमा में होने की संभावना है. फिलहाल, अमेरिका (NGAD), ब्रिटेन-जापान-इटली (GCAP) और यूरोपीय संघ (FCAS) जैसे वैश्विक खिलाड़ी छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में भारी निवेश कर रहे हैं और डॉ. हरिनारायण का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि भारत भी इस और तेजी से ध्यान दे रहा है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

TAGS

Read More