Indian AirForce SPYDER missile system: भारत अपनी मारक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ, सीमाओं को भी सुरक्षित बना रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हिंदुस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम को दुनिया ने देखा. जो किसी आयरन डोम की तरह हर हमले को हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया था. इसी कड़ी में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय वायुसेना (IAF) के SPYDER (SAKSHAM) एयर डिफेंस सिस्टम के अपग्रेडेशन को मंजूरी दे दी है.
Spyder सिस्टम का होगा अपग्रेड
इंडियन एयरफोर्स के पास पहले से ही इजराइल से खरीदे गए SPYDER एयर डिफेंस सिस्टम मौजूद हैं, जिन्हें भारत में 'SAKSHAM' के नाम से जाना जाता है. यह एक तुरंत कार्रवाई करने वाला सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) सिस्टम है, जो कम दूरी के हवाई हमलों से निपटने में सक्षम है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक यह सिस्टम एक अलग यूनिट के रूप में काम करता था, लेकिन अपग्रेड के बाद यह इंडियन एयरफोर्स के सेंट्रल कमांड और कंट्रोल नेटवर्क IACCS से जुड़ जाएगा. इस इंटीग्रेशन से अलग-अलग एयर डिफेंस यूनिट्स एक-दूसरे से रियल-टाइम में डेटा शेयर कर पाएंगी, जिससे खतरों को पहचानना और उन पर कार्रवाई करना कहीं ज्यादा तेज और सटीक हो जाएगा.
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
IACCS को इंडियन एयरफोर्स के हवाई सुरक्षा तंत्र का दिमाग माना जाता है. यह कई रडार, सेंसर और हथियार सिस्टम से मिलने वाली जानकारी को एक साथ इकट्ठा करता है. Spyder सिस्टम के इसमें शामिल होने से, यह केंद्रीय तंत्र तुरंत किसी भी खतरे को पहचान सकेगा और सबसे उपयुक्त Spyder यूनिट को हमला करने का आदेश दे सकेगा.
ऐसे में, इससे प्रतिक्रिया का समय कम होगा और दुश्मन के हवाई घुसपैठ, क्रूज मिसाइलों या ड्रोन हमलों को ज्यादा प्रभावी ढंग से रोका जा सकेगा. यह कदम भारत की सुरक्षा को 'नेटवर्क-सेंट्रिक' वॉर सिस्टम की ओर ले जाएगा, जहां सभी यूनिट्स एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं.
SPYDER एयर डिफेंस सिस्टम की खूबियां क्या हैं?
यह सिस्टम लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों और गाइडेड-वेपंस जैसे हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है. साथ ही, यह एक 'क्विक-रिएक्शन' सिस्टम है, जिसका मतलब है कि यह दुश्मन के खतरे को देखते ही कुछ ही सेकंड में जवाबी हमला कर सकती है.
बता दें, यह दो प्रकार की मिसाइलों का इस्तेमाल करती है. Python-5 (इन्फ्रारेड गाइडेड) और Derby (रडार गाइडेड) मिसाइलें. इन मिसाइलों की रेंज करीब 15 से 35 किलोमीटर तक है और ये 9 किलोमीटर की ऊंचाई तक के लक्ष्यों को भेद सकती हैं.
इस अपग्रेड के साथ, भारत की हवाई सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी. भविष्य में किसी भी खतरे को पलक झपकते ही हवा में ही राख कर देगी.
ये भी पढ़ें- DRDO के 'एयर पिनाका' से थर्राई दुनिया, कारगिल में मचाया था तबाही; अब इंडियन एयफोर्स की बढ़ाएगा 'स्ट्राइक' ताकत
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.