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इंडियन एयरफोर्स का ये फाइटर जेट करेगा 'नॉनस्टॉप' अटैक: HAL ने बनाया ऐसा 'घातक' सिस्टम, जो रखेगा 24x7 मेंटेन

Tejas fighter jet HAL AI maintenance system: यह सिर्फ एक साधारण सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि मशीन लर्निंग की मदद से यह पिछले सभी तकनीकी समस्याओं और उनके समाधानों का रिकॉर्ड रखता है. जब भी कोई नई खराबी आती है, तो यह AI सिस्टम तुरंत उस खराबी से जुड़े संभावित कारणों और समाधानों को खोजकर सामने रख देता है.

इंडियन एयरफोर्स का ये फाइटर जेट करेगा 'नॉनस्टॉप' अटैक: HAL ने बनाया ऐसा 'घातक' सिस्टम, जो रखेगा 24x7 मेंटेन
  • AI सिस्टम से लैस होगा IAF तेजस लड़ाकू विमान
  • जेट की खराबी और सुधार दोनों को तुरंत बताएगा

Tejas fighter jet HAL AI maintenance system: भारतीय वायुसेना के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को अब रखरखाव और मरम्मत के मामले में भी एक बड़ी तकनीकी ताकत मिल गई है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के तेजस डिविजन ने एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI-आधारित सिस्टम विकसित किया है, जो विमान में आने वाली तकनीकी खराबी को तेजी से पहचानने और उसे ठीक करने में मदद करेगा.

कैसे काम करता है यह AI-आधारित सिस्टम?
यह सिस्टम एक तरह से विमान के इतिहास की एक बड़ी लाइब्रेरी है. जब किसी भी विमान में कोई खराबी आती है, तो इंजीनियर उस खराबी का ब्यौरा सिस्टम में डालते हैं. AI सिस्टम तुरंत अपने विशाल डेटाबेस में से मिलती-जुलती पिछली समस्याओं और उनके समाधानों को ढूंढ निकालता है. इससे इंजीनियरों को सही समाधान तक पहुंचने में बहुत कम समय लगता है, जिससे मरम्मत का काम बहुत तेजी से हो जाता है.

यह प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा सटीक और तेज है, क्योंकि यह सिस्टम इंसानी भूल की गुंजाइश को कम कर देता है. इसका मतलब यह हुआ कि अब तेजस विमान किसी भी छोटी-मोटी खराबी के कारण लंबे समय तक जमीन पर नहीं रहेगा और वह जल्द ही वापस उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाएगा.

भारत के लिए क्यों है यह बड़ी कामयाबी?
यह सिर्फ एक सॉफ्टवेयर नहीं है, बल्कि यह HAL की इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षमता का एक बड़ा सबूत है. इतना ही नहीं, यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा मील का पत्थर है.

ऐसे में, इस सिस्टम से तेजस की रखरखाव लागत में भी कमी आएगी और भारतीय वायुसेना का बेड़ा हमेशा बेहतर स्थिति में रहेगा. यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय वायुसेना के पास एक ऐसा स्वदेशी बेड़ा हो, जो न केवल शक्तिशाली हो, बल्कि तकनीकी रूप से भी सबसे आगे हो.

बता दें, तेजस एक स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान है. इसे भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए विकसित किया गया है. यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित है और इसे हल्के लड़ाकू विमान यानी LCA कार्यक्रम के तहत बनाया गया था, जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था.

FAQs
तेजस फाइटर जेट की खासियत क्या है?

जहां तक रही इसके खासियत की, तो यह अपनी श्रेणी का सबसे हल्का और छोटा सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जो इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करता है. साथ ही यह एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है जो हवा से हवा, हवा से सतह और सटीक-निर्देशित हथियारों की एक सीरीज ले जाने में सक्षम है.

तेजस फाइटर जेट की स्पीड कितनी है?
इतना ही नहीं, इसमें आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट और एईएसए रडार लगा है. वहीं, इसकी अधिकतम गति मैक 1.6 तक है और यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. इसके इतर, इसमें हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी है, जिससे इसकी परिचालन सीमा बढ़ जाती है.

भारतीय वायसेना में तेजस लड़ाकू विमान कब शामिल होगा?
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना में तेजस का पहला स्क्वाड्रन 2016 में शामिल हुआ था. भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस एमके-1ए विमानों का ऑर्डर दिया है. इन विमानों की डिलीवरी 2025 के अंत से शुरू होने की उम्मीद है और आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना में इनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी. यह पुराने मिग-21 विमानों की जगह लेगा.

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