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चीन-पाक की एक न चलेगी... वायुसेना के बेड़े में होंगे 180 तेजस! नए फाइटर जेट खरीदने की तैयारी

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 अतिरिक्त तेजस Mk1A लड़ाकू विमानों की डील को लेकर उम्मीद जताई है. HAL के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पहले ही अपने सप्लाई चेन वेंडर्स से बातचीत शुरू कर दी है, ताकि जरूरी सामग्री और उपकरणों की खरीद को तेजी से पूरा किया जा सके.

चीन-पाक की एक न चलेगी... वायुसेना के बेड़े में होंगे 180 तेजस! नए फाइटर जेट खरीदने की तैयारी
  • तो 180 तेजस विमानों का होगा बेड़ा
  • मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उत्पादन

नई दिल्लीः हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 अतिरिक्त तेजस Mk1A लड़ाकू विमानों की डील को लेकर उम्मीद जताई है. HAL के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पहले ही अपने सप्लाई चेन वेंडर्स से बातचीत शुरू कर दी है, ताकि जरूरी सामग्री और उपकरणों की खरीद को तेजी से पूरा किया जा सके. 

उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में समझौता हो जाएगा, जिसके बाद एचएएल तेजस के उत्पादन में तेजी लाएगा और भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करेगा.

तो 180 तेजस विमानों का होगा बेड़ा

वायुसेना ने फरवरी 2021 में 83 तेजस Mk1A विमानों का ऑर्डर दिया था. ये सौदा 48 हजार करोड़ से ज्यादा का है. अब इंडियन एयरफोर्स की ओर से 97 और तेजस विमानों के ऑर्डर की संभावना है. इसकी अनुमानित लागत 67,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है. इस नए ऑर्डर के बाद तेजस Mk1A का कुल बेड़ा 180 विमानों का हो जाएगा, जिससे वायुसेना की ताकत में बढ़ोतरी होगी और भारत की रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा.

यही नहीं भारत के लड़ाकू विमानों का मजबूत बेड़ा सीमा पर चीन और पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत को जवाब देने के लिए भी तत्पर रहेगा.

मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उत्पादन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 97 अतिरिक्त तेजस Mk1A विमानों की खरीद को लेकर एचएएल के एक अधिकारी ने कहा, 'समझौता अच्छी तरह आगे बढ़ रहा है और हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा.' यह आत्मविश्वास एचएएल, रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के बीच हो रही चर्चाओं के आधार पर है. सरकार भी 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

एचएएल ने समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही सप्लाई चेन पार्टनर्स के साथ बातचीत शुरू कर दी है. एचएएल अधिकारी ने कहा कि हम जरूरी सामग्री और उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया को तेज करने के लिए अपने सप्लायरों से लगातार संपर्क में हैं.

बता दें कि तेजस Mk1A के उत्पादन में इंजन की उपलब्धता एक अहम कारक है. यह विमान GE F404 इंजन पर निर्भर करता है और इससे पहले भी इंजन की डिलीवरी में देरी ने एचएएल की उत्पादन क्षमता को प्रभावित किया था. इस बार एचएएल सप्लाई चेन प्रबंधन को पहले से मजबूत कर रहा है ताकि इस समस्या से बचा जा सके.

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