trendingNow1zeeHindustan2862291
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

इंडियन एयरफोर्स की मांग हुई तुरंत पूरी, बेड़े में शामिल होने आ रहे हैं ये खतरनाक फाइटर जेट

Indian Air Force Fighter Jet: तेजस मार्क 1ए की तैनाती से भारतीय वायुसेना और भी मजबूत, आधुनिक और पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनेगी, जो किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहेगी.

इंडियन एयरफोर्स की मांग हुई तुरंत पूरी, बेड़े में शामिल होने आ रहे हैं ये खतरनाक फाइटर जेट
  • भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 3 नए स्क्वाड्रन
  • वर्तमान में भारत को 42 स्क्वाड्रन की जरुरत
  •  

Indian Air Force Fighter Jet: इंडियन एयरफोर्स की ताकत से दुनिया वाकिफ है. जब कभी भी जंग के मैदान में भारतीय वायुसेना उतरी है, भारत को न केवल बढ़त दिलाई है बल्कि जीत भी सुनिश्चित की है. हालांकि, दुनिया भर में बदल रहे युद्ध के तौर-तरीके व पाकिस्तान-चीन की जुगलबंदी के बीच भारत अपनी स्क्वाड्रन क्षमता बढ़ाने की तैयारी में जुट चुकी है. इसके लिए साल 2026 तक कुल 54 तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमानों को खेमे में शामिल किया जाएगा.

भारत का अपना फाइटर जेट तेजस मार्क 1ए
तेजस मार्क 1ए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित एक मल्टीरोल फाइटर जेट है. यह मौजूदा तेजस LCA का एडवांस वर्जन है. जिसमें कई सुधार किए गए हैं. वहीं, इसमें बेहतर रडार AESA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और अपडेटेड डिजिटल कंप्यूटर सिस्टम भी लगे हैं, जो इसे दुश्मनों पर बढ़त दिलाते हैं.

तेजस लड़ाकू विमान की सबसे दिलचस्प बात है कि इसे मेंटेन रखना और सर्विस करना बेहद आसान है, जिससे यह कम समय में दोबारा उड़ान भरने के लिए तैयार हो सकता है. इसके इतर, यह कई तरह के मिसाइल और बम ले जा सकता है, जिससे यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर दोनों तरह के हमलों के लिए सक्षम है.

बता दें, भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2021 में एचएएल से 83 तेजस मार्क 1ए जेट खरीदने का ऑर्डर दिया था, जिसकी कीमत करीब 48,000 करोड़ रुपये थी. पहला जेट मार्च 2024 में HAL द्वारा वायुसेना को सौंपा गया था.

तीन स्क्वाड्रन की तैनाती का लक्ष्य
वायुसेना का लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक तेजस मार्क 1ए के तीन स्क्वाड्रन पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएं. बता दें, एक फाइटर स्क्वाड्रन में आमतौर पर 18 विमान होते हैं, जिसका मतलब है कि इन तीन स्क्वाड्रन के साथ वायुसेना के पास 54 नए तेजस मार्क 1ए जेट होंगे.

यह तैनाती वायुसेना की स्क्वाड्रन संख्या को बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मौजूदा समय में, वायुसेना को अपनी पूरी क्षमता बनाए रखने के लिए 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है, लेकिन भारतीय वायुसेना के पास महज 29 स्क्वाड्रन ही हैं. ऐसे में, तेजस मार्क 1ए की तैनाती से यह कमी पूरी होगी और वायुसेना को कई ऑपरेशनल जरूरतों के लिए अधिक ऑप्शन मिलेगा.

वहीं दूसरी ओर जब मिग-21 जैसे लड़ाकू विमान रिटायर होने के कगार पर हैं. उनकी जगह तेजस जैसे लड़ाकू विमान लेकर ताकत में जबरदस्त तरीके से इजाफा करेंगे. बता दें, तेजस करीब 2200 किमी प्रति घंटा उड़ान भरने में सक्षम है.

ये भी पढ़ें- भारत पर अमेरिका आखिर क्यों लगाता है टैरिफ? जानें ट्रंप ने क्यों लगाया 25% का शुल्क और इसकी पूरी ABCD

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More