Indian Airforce AMCA fighter jet update: दुनिया में बदलते युद्ध के तौर-तरीकों को देखते हुए, आधुनिक युद्ध में हवाई श्रेष्ठता हासिल करना किसी भी देश के लिए सबसे जरूरी होता है, और इसमें 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स की भूमिका निर्णायक मानी जाती है. ऐसे में, भारत भी अब इस क्लब में शामिल होने की ओर तेजी से बढ़ रहा है. देश के अपने AMCA प्रोजेक्ट पर जोरदार तरीके से काम शुरू हो गया है. AMCA का पहला 'स्ट्रक्चरल टेस्ट स्पेसिमेन' 2027 तक तैयार होने की उम्मीद है.
भारत का अपना 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर AMCA
AMC यानी Advanced Medium Combat Aircraft. भारत का सबसे महत्वाकांक्षी रक्षा विमानन प्रोजेक्ट है. इसे भारत की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मिलकर DRDO के सहयोग से डेवलप कर रहे हैं.
यह एक 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट होगा, जिसका मतलब है कि इसमें स्टील्थ, सुपरक्रूज, सेंसर फ्यूजन और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध के साथ रियल-टाइम डेटा साझा करने जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं होंगी.
वहीं, अब ये लड़ाकू विमान अपना पहला ढांचा 'स्ट्रक्चरल टेस्ट स्पेसिमेन' पाने वाला है. जिसका मतलब है कि विमान का एक पूरा ढांचा तैयार किया जाएगा, जिस पर अलग-अलग तरह के परीक्षण किए जाएंगे ताकि उसकी मजबूती, स्थिरता और विभिन्न परिस्थितियों में प्रदर्शन की जांच की जा सके. यह वास्तविक प्रोटोटाइप के निर्माण से पहले का एक महत्वपूर्ण कदम है.
क्यों खास है 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट AMCA?
AMCA को भविष्य के युद्धक्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी 'स्टील्थ' क्षमता होगी, जिससे यह दुश्मन के रडार और अन्य डिटेक्शन सिस्टम से लगभग अदृश्य रहेगा. यह दुश्मन के एयर डिफेंस को चकमा देकर उसके इलाके में गहराई तक घुस कर हमला करने में सक्षम होगा.
वहीं, मिसाइलों और बमों को विमान के अंदरूनी हिस्से में रखा जाएगा, जिससे उसकी स्टील्थ प्रोफाइल बनी रहेगी और हवा में रुकावट कम होगा. साथ ही, इसमें अत्याधुनिक सेंसर, रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम होंगे जो पायलट को बेहतर व सटीक जानकारी देंगे.
विदेशी सहयोग से मिलेगी स्वदेशी ताकत
AMCA प्रोजेक्ट को दो चरणों में देखा जा रहा है. पहला AMCA Mk1. इसके प्रोटोटाइप और शुरुआती उत्पादन बैच में जनरल इलेक्ट्रिक F414-INS6 जैसे शक्तिशाली विदेशी इंजन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
वहीं, दूसरा AMCA Mk2. इसके लिए लंबे समय का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए एक ज्यादा शक्तिशाली संभवतः 110 kN थ्रस्ट वाला स्वदेशी इंजन विकसित करना है. जिसमें किसी विदेशी भागीदार का तकनीकी सहयोग लिया जाएगा. यह कदम भारत को एयरो-इंजन तकनीक में भी आत्मनिर्भर बनाएगा, जो रक्षा क्षेत्र में सबसे जटिल तकनीकों में से एक है.
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