Indian Airforce fighter Jet: इंडियन एयरफोर्स के सबसे भरोसेमंद लड़ाकू विमान तेजस को पूरी तरह मेक इन इंडिया बनाने के लिए कोशिशें तेज हो गई हैं. दरअसल, देश की अग्रणी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) अब भारतीय वायुसेना के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस Mk1A के लिए निजी क्षेत्र में निर्मित पंखों की पहली जोड़ी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को देने के लिए तैयार है. आइए जानते हैं, कैसे यह फैसला इंडियन एयरफोर्स को नई ताकत देगा.
IAF का बदलता चेहरा बना तेजस
तेजस Mk1A एक 4.5-जनरेशन का मल्टीरोल फाइटर है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने विकसित किया है और HAL इसका निर्माण करता है. यह इंडियन एयरफोर्स के आधुनिकीकरण प्रयासों की आधारशिला है.
दरअसल, पुराने पड़ रहे मिग-21 विमानों को बदलने के लिए डिजाइन किए गए Mk1A में एडवांस एवियोनिक्स, एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार और अस्त्र व डर्बी मिसाइलों जैसी एडवांस हथियार सिस्टम के साथ लैस है.
L&T का ऐतिहासिक कदम
जेट पंख किसी विमान के सबसे जटिल और उड़ान भरने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है, जिनमें वायुगतिकीय भार, ईंधन प्रणाली, हाइड्रोलिक्स और नियंत्रण लिंकेज होते हैं.ऐसे में, वैश्विक एयरोस्पेस मानकों को पूरा करने के लिए इनमें सटीक इंजीनियरिंग की आवश्यकता होती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कोयंबटूर स्थित L&T की फैसिलिटीज में तैयार किए गए ये पंख कठोर संरचनात्मक और गुणवत्ता विशेषताओं को पूरा करते हैं. L&T ने इन पंखों को तेजस Mk1A जैसे सुपरसोनिक फाइटर की जरूरतों के मुताबिक, सटीक और ताकतवर बनाया है. इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक ऑटोमेटेड फाइबर प्लेसमेंट, ऑटोक्लेव क्यूरिंग और अल्ट्रासोनिक ड्रिलिंग का इसेमाल किया है.
HAL बढ़ा रहा प्राइवेट सेक्टर की भूमिका
HAL की तेजस Mk1A के लिए मॉड्यूलर उत्पादन रणनीति में प्रमुख एयरफ्रेम को निजी भागीदारों को आउटसोर्स करना शामिल है, ताकि डिलीवरी की समय-सीमा में तेजी लाई जा सके और IAF की आधुनिक फाइटरों की तत्काल आवश्यकता को पूरा किया जा सके.
IAF वर्तमान में 31 फाइटर स्क्वाड्रन चलाती है, जबकि स्वीकृत संख्या 42 है, जिससे तेजस Mk1A का समय पर शामिल होना इस कमी को दूर करने के लिए जरूरी हो जाता है.
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