IAF may get R-37M Missile: भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों को ताकतवर बनाने के लिए मजबूत कदम उठा रही है. भारत की वायुसेना की रीढ़ कहलाने वाले सुखोई Su-30MKI और मिग-29 लड़ाकू विमानों में नई मिसाइल इंटीग्रेट करने की योजना बन रही है. रूस ने भारत को एक ख़ास मिसाइल को स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने का आकर्षक ऑफर दिया है. ये भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देगी.
300 किलोमीटर की रेंज
भारतीय वायुसेना को रूस से R-37M हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का प्रस्ताव मिला है. यह दुनिया की सबसे तेज और लंबी दूरी वाली मिसाइलों में शुमार है. इस मिसाइल को NATO में AA-13 'एक्सहेड' के नाम से जाना जाता है. इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर से अधिक है और यह मैक 6 से अधिक की हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ान भर सकती है.
इसमें ये तकनीकी सुविधाएं
यह मिसाइल फाइटर जेट्स, बमवर्षक विमानों और AWACS जैसे जासूसी विमान को टारगेट कर सकती है. इसमें सक्रिय रडार होमिंग सिस्टम, नेविगेशन और मिड-कोर्स अपडेट की सुविधा है. इस कारण ये तेजी से चलने वाले लक्ष्यों को भी भेद देती है.
लंबी दूरी के हवाई खतरे दूर होंगे
भारत इस मिसाइल में इसलिए रुचि दिखा रहा है, ताकि IAF लंबी दूरी के हवाई खतरे को भी दूर कर सके. खासकर Su-30MKI विमानों में बार्स और इरबिस-ई जैसे उन्नत रडार सिस्टम से लैस हैं. ये रडार सिस्टम इस तरह की लंबी दूरी वाली मिसाइलों को डायरेक्ट करने में सक्षम हैं. इस मिसाइल से मिग-29 लैस हो जाएगा तो वह भी काफी ताकतवर हो जाएगा.
बड़ी रेंज और हाइपरसोनिक स्पीड इसकी खासियत
भारत ने अपनी स्वदेशी मिसाइलों जैसे- अस्त्र Mk-II और Mk-III में काफी प्रगति की है. लेकिन R-37M मिसाइल की असाधारण रेंज और हाइपरसोनिक स्पीड इसे बाकी मिसाइलों से अलग बनाती है. यदि रूस के साथ भारत की डील हो जाती है, तो दोनों देशों के डिफेंस रिलेशन और भी मजबूत होंगे. भविष्य में भारत रूस से S-500 भी खरीद सकता है.