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दागो और भूल जाओ...दुश्मन का काम तमाम करके ही चैन लेती है ये मिसाइल, इंडियन एयरफोर्स को 10-20 नहीं पूरी 110 मिलेंगी

BrahMos-A Air-Launched Cruise Missiles: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित BrahMos-A ने पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) के प्रमुख हवाई अड्डों और रनवे को निशाना बनाकर और उन्हें ध्वस्त करके अपनी विनाशकारी सटीकता साबित की. अब ऐसी ही और मिसाइल भारतीय वायु सेना को मिलने वाली है.

दागो और भूल जाओ...दुश्मन का काम तमाम करके ही चैन लेती है ये मिसाइल, इंडियन एयरफोर्स को 10-20 नहीं पूरी 110 मिलेंगी

Indian Air Force Missiles:  अपनी हवाई हमले की क्षमताओं को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देते हुए, भारतीय वायु सेना (IAF) रक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 7.64 बिलियन डॉलर के विशाल रक्षा खरीद अभियान के तहत 110 ब्रह्मोस-ए वायु-प्रक्षेपित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें (110 BrahMos-A air-launched supersonic cruise missiles) प्राप्त करने के लिए तैयार है. 

यह अधिग्रहण, जिसमें मिसाइलों के साथ 87 भारी-भरकम ड्रोन शामिल हैं, यह भारत की अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और क्षेत्र में अपनी रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.

हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित BrahMos-A ने पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) के प्रमुख हवाई अड्डों और रनवे को निशाना बनाकर और उन्हें ध्वस्त करके अपनी विनाशकारी सटीकता साबित की, जो इस मिसाइल प्रणाली का ऐतिहासिक युद्ध का अच्छा डेब्यू भी दर्शाता है.

BrahMos-A क्या है?
ब्रह्मोस-ए, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एक वायु-प्रक्षेपित संस्करण, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तत्वावधान में भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त विकास है. ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर बनी यह मिसाइल अपनी 2.8-3.0 मैक की गति, सटीक निशाना लगाने और बहुमुखी प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध है. 

'दागो और भूल जाओ'
450 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता (विस्तारित-सीमा वाले संस्करणों में 800 किलोमीटर तक विस्तार कर सकेगी) के साथ, ब्रह्मोस-ए 'दागो और भूल जाओ' सिद्धांत पर काम करती है, जिससे न्यूनतम बाहरी हस्तक्षेप के साथ स्वायत्त लक्ष्य ट्रैकिंग संभव हो पाती है. भारतीय वायुसेना के सुखोई Su-30MKI लड़ाकू विमानों से दागी जाने वाली यह मिसाइल 200-300 किलोग्राम का उच्च-विस्फोटक वारहेड ले जाती है, जो जमीन और समुद्र, दोनों ही लक्ष्यों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने में सक्षम है.

2017 में पहली बार Su-30MKI के साथ ब्रह्मोस-ए के एकीकरण ने भारतीय वायुसेना को बेजोड़ गतिरोध क्षमता प्रदान की है. इस मिसाइल को रडार से बचाया जा सकता है, यह 15 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ान भरने और 10 मीटर तक की कम दूरी पर वार करने की क्षमता रखती है. इस मिसाइल को पारंपरिक वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा रोकना लगभग असंभव होता है. 

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