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इंडियन एयरफोर्स V-BAT 'जंगी ड्रोन' से होगी लैस, $4.5 बिलियन से मिलेगा 'स्ट्राइक' बूस्टर; दुश्मन हो जाएंगे रफूचक्कर

India V-BAT drone deal: भारत इमरजेंसी प्लान के तहत, शील्ड AI के अत्याधुनिक V-BAT 'जंगी ड्रोन' खरीदने जा रहा है. इन ताकतवर ड्रोनों के आने से भारतीय वायुसेना को जबरदस्त ताकत मिलेगी, जिससे दुश्मन की हर चाल को नाकाम करना आसान हो जाएगा.

इंडियन एयरफोर्स V-BAT 'जंगी ड्रोन' से होगी लैस, $4.5 बिलियन से मिलेगा 'स्ट्राइक' बूस्टर; दुश्मन हो जाएंगे रफूचक्कर
  • AI से लैस है V-BAT जंगी ड्रोन
  • कहीं से भी उड़ान भरने में सक्षम

Shield AI V-BAT Drone Features: वर्तमान में दुनिया में जहां कहीं भी जंग जारी है, वहां उसी को बढ़त मिल रही है जिनके पास एडवांस और मॉडर्न ड्रोन्स का जखीरा है. ऐसे में, भारत भी बदलते परिदृश्य को देखते हुए न केवल मॉडर्न ड्रोन्स को अपने खेमे में शामिल करने पर विचार कर रहा है, बल्कि दुनिया के सबसे एडवांस माने जाने वाले V-BAT जंगी ड्रोन को तुरंत खरीदने की तैयारी में है. आइए जानते हैं क्या है पूरी डील और V-BAT ड्रोन की खासियत क्या है.

क्या है V-BAT 'जंगी ड्रोन'?
अमेरिका की डिफेंस कंपनी शील्ड AI द्वारा निर्मित V-BAT एक ऐसा जंगी ड्रोन है, जो कहीं से भी सीधा ऊपर उड़ सकता है और सीधा नीचे उतर सकता है. इसे लॉन्च करने के लिए किसी रनवे की जरूरत नहीं होती. इसे जहाजों, छोटी जगहों या गाड़ियों से भी उड़ाया जा सकता है, जिससे इसे कहीं भी तैनात करना आसान हो जाता है. यह ड्रोन कई तरह के काम कर सकता है. जैसे जासूसी, निगरानी और दुश्मन के ठिकानों की पहचान करना. साथ ही, इसमें AI की ताकत है, जो इसे बिना इंसानी मदद के भी कई काम करने में सक्षम बनाती है.

V-BAT ड्रोन की क्या है खासियत?
V-BAT ड्रोन अपनी रेंज और सहनशक्ति के लिए जाना जाता है. यह आमतौर पर 8 से 10 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है, जिससे यह लंबे समय तक निगरानी और टोही मिशनों के लिए एकदम सही है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 50 किलोमीटर से ज्यादा हो सकती है, और बेहतर कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ यह और भी दूर तक जानकारी भेज सकता है.

साथ ही, यह अपने साथ एडवांस सेंसर, कैमरे और छोटे, मॉड्यूलर पेलोड ले जा सकता है, जिससे यह दिन और रात दोनों में सटीक जानकारी जुटाने में सक्षम होता है. यह AI की मदद से खुद ही नेविगेट करता है, बाधाओं से बचता है और लक्ष्यों की पहचान व ट्रैकिंग कर सकता है, जिससे दुश्मन के लिए यह डर का दूसरा नाम बन जाता है.

भारत क्यों इमरजेंसी के तहत खरीद रहा?
भारत ने इस ड्रोन के लिए $4.5 बिलियन डॉलर की बड़ी इमरजेंसी डील की है. जिसका सीधा मतलब है भारत बिना देरी के इन ड्रोन को अपने खेमे में शामिल करने की तैयारी में है.भारत की सीमाओं पर हालात तेजी से बदल रहे हैं और नए खतरे सामने आ रहे हैं, ऐसे में वायुसेना को अपनी ताकत तुरंत बढ़ानी है. आज की जंग में बिना पायलट वाले ड्रोन बहुत अहम हो गए हैं, और यह खरीद भारत को भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार करती है.

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