Indian Army Maruti Gypsy replacement: भारतीय सेना दशकों से अपनी छोटी दूरी की आवाजाही के लिए भरोसेमंद मारुति जिप्सी का इस्तेमाल करती आ रही है. लेकिन अब इस भरोसेमंद वाहन को बदलने का समय आ गया है. इसी मौके का फायदा उठाते हुए, टाटा समूह की कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने भारतीय सेना के सामने एक नया और मॉडर्न ऑप्शन पेश किया है. Land Rover Defender. यह वही नाम है, जो अपनी मजबूती और ऑफ-रोड क्षमताओं के लिए दुनियाभर में मशहूर है. अगर यह डील हो जाती है, तो भारतीय सेना को एक ऐसा वाहन मिलेगा, जो हर तरह के इलाके में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकता है.
Defender क्यों है यह भारतीय सेना के लिए खास?
Land Rover Defender को उसकी अविश्वसनीय मजबूती और कठिन से कठिन रास्तों पर चलने की क्षमता के लिए जाना जाता है. यह वाहन पूरी दुनिया में सैन्य मिशनों के लिए इस्तेमाल होता रहा है. दरअसल, लैंड रोवर डिफेंडर का एक लंबा सैन्य इतिहास रहा है. ब्रिटिश सेना ने इसका इस्तेमाल टोही अभियानों और सैनिक परिवहन के लिए किया है. इसी तरह, थाई सेना भी इसे तोप खींचने के लिए इस्तेमाल करती रही है.
इतना ही नहीं, Defender का डिजाइन ही ऐसा है कि यह पहाड़ी, दलदली या रेतीले इलाकों में भी आसानी से चल सकता है. भारतीय सेना को ऐसे वाहन की जरूरत है, जो हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर रेगिस्तान के रेत तक हर जगह काम कर सके. Defender इस ज़रूरत को पूरी तरह से पूरा करता है.
वहीं, Maruti Gypsy की तुलना में Defender में ज्यादा आधुनिक तकनीक और बेहतर सुरक्षा फीचर्स हैं, जो आज के युद्ध के माहौल में बेहद जरूरी हैं. हालांकि, भारतीय सेना के लिए बनाए जाने वाले सैन्य संस्करण में कई विशेष बदलाव किए जाएंगे, ताकि यह सैनिकों की जरूरतों के अनुरूप हो सके.
आधुनिक सेना बनाने की तैयारी में भारत
भारतीय सेना पिछले कई सालों से Maruti Gypsy के बेड़े को बदलने की योजना बना रही है, क्योंकि यह एक पुरानी गाड़ी हो चुकी है. TASL ने पुणे में अपनी विनिर्माण सुविधा पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को Defender दिखाया, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ जैसे अधिकारी शामिल थे.
यह TASL की ओर से एक स्पष्ट संकेत है कि वह इस वाहन को भारतीय सेना के लिए एक संभावित विकल्प के रूप में पेश कर रही है. चूंकि Land Rover ब्रांड का स्वामित्व टाटा मोटर्स के पास है, ऐसे में यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ भी पूरी तरह से मेल खाती है. इससे न केवल सेना को एक आधुनिक वाहन मिलेगा, बल्कि भारत के रक्षा उद्योग को भी एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा.
हालांकि, इस वाहन की कीमत आम बाजार में 1.05 करोड़ से 2.79 करोड़ रुपए तक है, लेकिन सैन्य संस्करण की कीमत और उसमें किए जाने वाले बदलावों पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है.
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