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भारतीय सेना को मिला अंतरिक्ष का 'चौकीदार', DRDO ने बनाया BraVo रडार; दुश्मन के फाइटर से लेकर सैटेलाइट तक पर पैनी नजर

Advance Bravo Radar: यह एडवांस्ड सिस्टम हजारों किलोमीटर तक की रेंज में गहरे अंतरिक्ष के लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है, जो भारतीय सेना की निगरानी क्षमता को कई गुना तक बढ़ा देगा.

भारतीय सेना को मिला अंतरिक्ष का 'चौकीदार', DRDO ने बनाया BraVo रडार; दुश्मन के फाइटर से लेकर सैटेलाइट तक पर पैनी नजर
  • DRDO ने बनाया BraVo रडार
  • अंतरिक्ष में बढ़ेगी निगरानी क्षमता

भारत केवल हथियार बनाने व युद्ध के दौरान स्ट्राइक क्षमता को बढ़ाने पर ही फोकस नहीं है, बल्कि भारत ऐसे किस्म के रडार भी डेवलप कर रहा है. जो दुश्मन के एडवांस फाइटर जेट से लेकर सैटेलाइट की एक्टिविटीज को भी पकड़ने में सक्षम होगा. इसी कड़ी में, DRDO ने एक अत्याधुनिक बाय-स्टैटिक UHF रडार डेवलप किया है, जिसका नाम BraVo रडार रखा है. ऐसे में, आइए जानते हैं क्या है ये BraVo रडार और कैसे ये दुश्मन के फाइटर जेट्स से लेकर सैटेलाइट तक को आसानी से पकड़ सकता है.

क्या है BraVo रडार?
रिपोर्ट के मुताबिक, BraVo रडार को चेन्नई-आधारित डेटा पैटर्न्स ने DRDO की मदद से डेवलप किया है. यह एक बाय-स्टैटिक UHF रडार है जिसे गहरे अंतरिक्ष के लक्ष्यों, स्पेस डेब्रिस और बैलिस्टिक मिसाइलों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है.

कैसे काम करता है BraVo रडार?
BraVo रडार एक बाय-स्टैटिक कॉन्फिगरेशन का इस्तेमाल करता है, जिसमें अलग-अलग ट्रांसमिट और रिसीव साइट्स होती हैं. यह कम-दिखने वाली वस्तुओं को ट्रैक करने के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण मानी जाती हैं.

एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस BraVo रडार
रिपोर्ट के मुताबिक, रडार की फुल्ली डिजिटल बीम-फॉर्मिंग कंटीन्यूअस वेव फेस्ड एरे टेक्नोलॉजी सिग्नल प्रोसेसिंग में एक बड़ी छलांग है.

यह सिस्टम स्कैन किए गए सिस्टम के विपरीत, इलेक्ट्रॉनिक बीम स्टीयरिंग का इस्तेमाल करता है, जो बिना किसी मूवमेंट के तेजी से और सटीक रडार ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है. इसका कंटीन्यूअस वेव ऑपरेशन हाई-रिजोल्यूशन डिटेक्शन को सुनिश्चित करता है.

साथ ही, BraVo रडार का डिप्लॉयमेंट एक टर्नकी प्रोजेक्ट है, जिसमें न केवल रडार सिस्टम बल्कि व्यापक सिविल और इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है.

चीन के खिलाफ मिलेगी बढ़त
हालिया सैटेलाइट इमेज से BraVo रडार की ताकत मालूम चलती है. साथ ही, सैटेलाइट्स और लो अर्थ ऑर्बिट में संभावित खतरों को पकड़ने में सक्षम होंगे. इस ताकत के बलबुते ब्रावो रडार सीधे चीन के 5,000 किमी रेंज वाला लार्ज फेस्ड एरे रडार (LPAR) को चुनौती देगा.

वहीं, इसकी बाय-स्टैटिक डिजाइन और UHF फ्रीक्वेंसी बैंड कम-दिखने वाले लक्ष्यों को भी आसानी से पता लगा सकती है. जो चीन के J-20 फाइटर जेट्स और पाकिस्तान के J-35A जैसे लड़ाकू विमानों के आधुनिक बेड़े के खिलाफ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.

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