Indian army suicide drone with 900 km range: भारत भविष्य में एडवांस हथियारों के प्रोडक्शन का 'होमटाउन' बनने की राह पर है. भारत न के केवल एडवांस लड़ाकू विमान व मिसाइलें बना रहा है, बल्कि अब घातक सुसाइड ड्रोन भी बना रहा है. जिसकी रेंज की जद में चीन पाकिस्तान बेहद आसानी से आ सकते हैं. बता दें, सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड लाइट मीडियम ड्रोन (LM-UAV) बनाने जा रही है. तो चलिए, जानते हैं क्या है ये खास LM-UAV और कैसे ये भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएगा.
इंडियन आर्मी का नया 'शिकारी' LM-UAV
IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित LM-UAV एक मॉडर्न प्लेटफॉर्म है. जिसे इंडियन आर्मी की सामरिक और रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाने की तैयारी है.
बता दें, यह एक लॉयटरिंग म्यूनिशन यानी सुसाइड ड्रोन है. जिसे सटीक हमलों, खुफिया, निगरानी और टोही के लिए डिजाइन किया गया है. जिसकी मदद से लद्दाख जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित मुश्किल इलाकों में इंडियन आर्मी की सैन्य ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.
क्या है LM-UAV सुसाइड ड्रोन व इसकी रेंज?
LM-UAV सुसाइड ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी रेंज है. रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी अधिकतम रेंज 900 किलोमीटर रहने वाली है. जो गहरे हमलों और ISR मिशनों के लिए लंबी दूरी के ऑपरेशन में मदद करेगा.
इतना ही नहीं, यह आसमान में करीब 9 घंटे तक मंडरा सकता है. जिससे कई घंटों तक दुश्मन के इलाकों व उनकी हरकतों पर निगरानी भी रखने में मदद मिलेगी. साथ ही, यह अधिकतम 5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
इसके इतर, यह सटीक हमलों के लिए 15 किलोग्राम का वॉरहेड पेलोड और एडवांस ISR क्षमताओं के लिए 10 किलोग्राम का सेंसिंग पेलोड ले जाने में सक्षम होगा. जिसकी मदद से दिन व रात दोनों पहर में निगरानी कर सकता है.
वहीं, जहां तक इसकी बनावट की बात है, इसके पंख करीब 4 मीटर से कम होंगे, जिससे इसकी तैनाती आसानी से की जा सकती है.
क्या है LM-UAV सुसाइड ड्रोन की खासियत?
LM-UAV सुसाइड ड्रोन की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें 30 HP का वैंकेल इंजन लगा हुआ है. जो इसे बेहद हल्का, उच्च दक्षता वाला प्रोपल्शन सिस्टम बनाता है.
वहीं, इसकी सबसे बड़ी खूबी स्टील्थ फीचर्स है. जिसके लिए इसे लो रडार क्रॉस-सेक्शन के साथ डिजाइन किया गया है. साथ ही, यह ऑटो मोड में उड़ान भरने में सक्षम है, जो स्वदेशी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से लैस है. जिसके चलते ज्यादा ऑपरेटर की जरूरत नहीं होगी. बता दें, इसमें 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी.
साथ ही, इसे कई प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है. वहीं, यह GPS-Denied नेविगेशन सिस्टम से भी लैस है. यानी दुश्मन के उन इलाकों में भी हमला करने में सक्षम होगा, जहां GPS जाम होंगे.
बता दें, SDAL यानी सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड का चयन, कई मजबूत रक्षा फर्मों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद हुआ है. यह वहीं कंपनी है, जिसने भारत की ताकतवर पिनाका रॉकेट को बनाया है.
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