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नागास्त्र 'सुसाइड' ड्रोन से लैस होगी इंडियन आर्मी, दिन हो या रात; ढूंढ-ढूंढकर दुश्मनों को करेगा खल्लास

Indian Army suicide drone: इंडियन आर्मी एक ऐसे सुसाइड ड्रोन से लैस होने जा रही है, जो दिन हो या रात, हर पहर दुश्मनों के लिए काल बनकर अटैक करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुसाइड ड्रोन सिस्टम का लद्दाख जैसे दुर्गम इलाकों में सफल परीक्षण किया गया है.

नागास्त्र 'सुसाइड' ड्रोन से लैस होगी इंडियन आर्मी, दिन हो या रात; ढूंढ-ढूंढकर दुश्मनों को करेगा खल्लास
  • लद्दाख में हुआ सुसाइड ड्रोन का सफल परीक्षण
  • सटीक निशाना लगाने में सक्षम है नागास्त्र ड्रोन

Nagastra-1R drone features and range: भारतीय सेना अब अपनी जमीनी युद्ध क्षमताओं को एक नया आयाम देने जा रही है. उसने सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड के साथ लगभग 450 यूनिट नागस्त्र-1R (Nagastra-1R) लोइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम खरीदने का करार किया है. यह एक ऐसा 'सुसाइड' ड्रोन है, जो दुश्मनों को ढूंढकर सटीक हमला करने की क्षमता रखता है. यह कदम भारतीय सेना की ताकत को इतना बढ़ा देगा कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को भी इससे बड़ा झटका लग सकता है.

भारतीय सेना का नया 'सुसाइड' ड्रोन नागस्त्र-1R
नागस्त्र-1R को एक किफायती और दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में डिजाइन किया गया है. यह आधुनिक युद्ध के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है. इसे घुसपैठियों के प्लाटून जैसे छोटे खतरों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा. यह चुपचाप, कम खर्च में और बहुत सटीक हमला करने की क्षमता रखता है.

क्यों है ये इतना घातक?
नागस्त्र-1R में कई एडवांस खूबियां हैं जो इसे बेहद घातक बनाती हैं.

रेंज- नागास्त्र ड्रोन को सीमावर्ती इलाकों में व दुश्मनों के घुसपैठ के लिए बेहद घातक है. वहीं, इसकी रेंज करीब 15 किलोमीटर तक है.

कैमरा और निगरानी- इसमें 360 डिग्री गिम्बल कैमरा लगा है, जो चारों तरफ की तस्वीरें ले सकता है. रात के ऑपरेशन के लिए इसमें थर्मल कैमरा लगाने का भी विकल्प है, जिससे अंधेरे में भी दुश्मन को आसानी से देखा जा सकता है.

सटीक निशाना- इसमें 2 मीटर सी.ई.पी यानी सर्कुलर एरर प्रॉबेबल के साथ एक उच्च-सटीक लक्ष्यीकरण प्रणाली (High-precision targeting system) है. इसका मतलब है कि यह अपने लक्ष्य से अधिकतम 2 मीटर के दायरे में ही गिरेगा, जिससे निशाना चूकने की संभावना बहुत कम हो जाती है.

सेफ कम्युनिकेशन- सिस्टम में वीडियो और टेलीमेट्री कम्युनिकेशन दोनों के लिए एक खास तरह की एन्क्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसका डेटा सुरक्षित रहता है और दुश्मन इसे आसानी से हैक नहीं कर सकता.

मल्टीपल यूज- इसका लॉन्चर सिस्टम पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे यह एक लागत प्रभावी हथियार बन जाता है.

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