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इंडियन एयरफोर्स को मिलेगा 'तेजस' से भी 'घातक' स्टील्थ ड्रोन, दुश्मन के रडार को अंधा कर करेगा वार; जानें ताकत

Ghatak drone features: DRDO एक ऐसा ड्रोन डेवलप कर रहा है. जो स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस होगा. साथ ही, इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान तेजस से ज्यादा ईंधन क्षमता होगा.

इंडियन एयरफोर्स को मिलेगा 'तेजस' से भी 'घातक' स्टील्थ ड्रोन, दुश्मन के रडार को अंधा कर करेगा वार; जानें ताकत
  • तेजस से ज्यादा होगी घातक ड्रोन की मारक क्षमता
  • घातक ड्रोन की कॉम्बैट रेडियस करीब 740 किमी

DRDO developing Ghatak stealth drone: दुनिया भर में जहां भी युद्ध जैसी स्थिति बनी है. वहां, ड्रोन ने ही असली बढ़त दिलाई है. ऐसे में, भारत अपने सैन्य खेमे में घातक ड्रोन के जखीरों से लैस कर रहा है. इसी कड़ी में, DRDO की एक प्रमुख प्रयोगशाला ने घातक मानवरहित कॉम्बैट एरियल व्हीकल यानी घातक ड्रोन बना रहा है. जो स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस होगा. ऐसे में, आइए जानते हैं क्या है ये घातक ड्रोन और कैसे ये भविष्य में भारतीय सेना को जंग के मैदान में बढ़त दिलाएगा.

भारत का नया अदृश्य Ghatak ड्रोन
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट के मुताबिक, घातक UCAV प्रोजेक्ट ने अपने डेवलपमेंट में काफी प्रगति की है. इसके लिए, इंडियन एयरफोर्स की जरुरतों के साथ एक डिटेल फिजिबिलिटी रिपोर्ट जमा की गई है. यह रिपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए एक आधारशिला के रूप में है. जिसे इंडियन एयरफोर्स ने औपचारिक रूप देने की दिशा में एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी की प्रक्रिया शुरू की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी के प्रस्ताव और डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन पार्टनर के चयन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट यानी EOI की प्रक्रिया चल रही है.

Ghatak ड्रोन को लेकर अपडेट क्या है? 
घातक UCAV का डिजाइन एक एडवांस लेवल पर पहुंच गया है, जिसमें एयरफ्रेम के डिटेल डिजाइन रिव्यू को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. वहीं, इसे डेवलप करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई हैं. जिसको लेकर पहले प्रोटोटाइप एयरफ्रेम का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है. 

बता दें, एयरफ्रेम को मॉड्यूलरिटी यानी छोटे-छोटे हिस्सों में बनाने के साथ डिजाइन किया गया है, जिसमें टेल कोन, विंग्स, नोज कोन और सेंटर विंग जैसे प्रमुख कंपोनेंट्स शामिल हैं. जिन्हें भविष्य में मॉडिफाई भी किया जा सकता है.

क्या होगी Ghatak ड्रोन की खासियत? 
घातक UCAV ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत, इसकी प्रभावशाली आंतरिक ईंधन क्षमता है. जो 3.7 टन है. यह भारत के स्वदेशी तेजस फाइटर जेट की ईंधन क्षमता से 1.2 टन अधिक है. जिसकी मदद में डीप स्ट्राइक करने की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.

बता दें, तेजस Mk1A की कॉम्बैट रेडियस 500 किमी है, जबकि घातक UCAV की कॉम्बैट रेडियस लगभग 740 किमी होगी.

वर्तमान में इसका प्रोपोटाइप तैयार किया जा रहा है, वहीं इसकी पहली उड़ान का समय अभी तय नहीं किया है. लेकिन जिन खूबियों के साथ ये ड्रोन इंडियन एयरफोर्स को मिलेगा. उससे देश की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.

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