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अब TATA बनाएगी चीन के 'मौत का सामान', इंडियन आर्मी के लिए संभालेंगे जंग की कमान; देसी 'लाइट टैंक' मिला है नाम

Indian Army TATA light tank light tank: यह नया लाइट टैंक भारतीय सेना के भारी T-90 और अर्जुन टैंकों की कमी को पूरा करेगा. भारी टैंक, ऊंचाई वाले और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में उतने प्रभावी नहीं होते. लेकिन यह नया स्वदेशी टैंक अपनी खासियतों के दम पर इन मुश्किल रास्तों पर भी दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में सक्षम होगा.

अब TATA बनाएगी चीन के 'मौत का सामान', इंडियन आर्मी के लिए संभालेंगे जंग की कमान; देसी 'लाइट टैंक' मिला है नाम
  • इस साल के अंत तक आ जाएगा टैंक का प्रोटोटाइप
  • TATA के इस देसी टैंक का कुल वजन 25 टन होगा

Indian Army TATA light tank light tank: भारतीय सेना की युद्धक क्षमताओं को एक नई धार मिलने वाली है. दरअसल, भारत की दिग्गज कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड ने DRDO के डिजाइन पर आधारित एक स्वदेशी लाइट टैंक बनाने का काम शुरू कर दिया है. इस टैंक का प्रोटोटाइप इसी साल के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है, जिसके बाद इसका परीक्षण शुरू होगा. यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब भारतीय सेना को पहाड़ी और ऊंचाई वाले इलाकों, खासकर पूर्वी लद्दाख जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में, हल्के टैंकों की सख्त जरूरत है.

क्या है इस 'देसी' लाइट टैंक की खासियतें?
TATA द्वारा इस लाइट टैंक को भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, और इसकी खासियतें इसे युद्ध के मैदान में एक मल्टीरोल हथियार बनाती हैं. डिफेंस रिपोर्ट के मुताबिक, यह टैंक करीब 25 टन का होगा. कम वजन होने के कारण यह ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में बहुत तेजी से चल सकता है और कठिन रास्तों को आसानी से पार कर सकता है. यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है, क्योंकि भारी टैंकों को ऐसे इलाकों में ले जाना बहुत मुश्किल होता है.

इतना ही नहीं, इस टैंक का कम वजन इसे C-17 ग्लोबमास्टर और C-130J सुपर हरक्यूलिस जैसे सैन्य परिवहन विमानों से आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की क्षमता देगा. इसका मतलब है कि सेना इसे जरूरत पड़ने पर बहुत तेजी से सीमावर्ती इलाकों में तैनात कर सकती है.

इसके इतर, हल्के वजन के बावजूद यह टैंक एक ताकतवर 105mm बंदूक से लैस होगा, जो दुश्मन के टैंकों और ठिकानों को आसानी से नष्ट करने में सक्षम है. इसके साथ ही, इसमें आधुनिक सेंसर और फायर-कंट्रोल सिस्टम भी लगे होंगे.

चीन को सीधी चुनौती देने की तैयारी
यह प्रोजेक्ट भारत की चीन के साथ हुई सीमा पर झड़पों के बाद शुरू हुआ है. चीन ने भी पूर्वी लद्दाख में अपने हल्के टैंक तैनात किए थे, जिससे भारतीय सेना को भी ऐसे ही हथियारों की जरूरत महसूस हुई.

अब यह स्वदेशी लाइट टैंक भारतीय सेना को चीन की किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए और भी अधिक तैयार करेगा. यह न केवल सेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि भारत अब अपनी रक्षा जरूरतों के लिए किसी और देश पर निर्भर नहीं है.

वहीं, इस टैंक का साल के अंत तक आने वाला प्रोटोटाइप भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में एक मील का पत्थर साबित होगा, और यह भारतीय सेना को भविष्य के युद्धों के लिए पूरी तरह से तैयार करेगा.

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