Brahmos missile vs American missile: दुनिया भर में बदल रहे युद्ध के तौर-तरीकों में, अगर किसी हथियार ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है. तो वह मिसाइल ही हैं. दुनिया भर में एडवांस व हाइपरसोनिक मिसाइल डेवलप करने की होड़ मची हुई है. और जब बात आती है लंबी दूरी के सटीक हमलों की, तो भारत की ब्रह्मोस और अमेरिका की JASSM का नाम सबसे पहले आता है. दोनों ही अपनी-अपनी जगह बेहद शक्तिशाली हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कौन किस पर भारी है.
स्पीड का बादशाह है ब्रह्मोस
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, जो Mach 2.8 से Mach 3.0 की स्पीड से उड़ सकती है. इसकी यह अविश्वसनीय गति इसे दुश्मन की एयर डिफेंस सिस्टम के लिए बेहद मुश्किल लक्ष्य बनाती है. इसका मतलब है कि दुश्मन के पास इसे रोकने के लिए बहुत कम समय होता है. यह स्पीड ब्रह्मोस को सतह के साथ-साथ हवा और पनडुब्बियों से भी लॉन्च करने में सक्षम बनाती है, जिससे इसकी मल्टीरोल कैपिसिटी और बढ़ जाती है.
अमेरिकी JASSM स्टील्थ क्षमता से लैस
इसके विपरीत, JASSM एक सबसोनिक मिसाइल है, जो Mach 0.8 से Mach 0.9 की गति से उड़ती है. हालांकि यह ब्रह्मोस जितनी तेज नहीं है, लेकिन इसकी स्टील्थ क्षमता इसे खास बनाती है. JASSM को रडार पर पता लगाना बहुत मुश्किल होता है, जिससे यह दुश्मन के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने और अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम होती है. यह 'लो ऑब्जर्वेबल' डिजाइन से लैस है, जो इसे दुश्मन की नजरों से बचाती है.
JASSM Vs ब्रह्मोस रेंज
बता दें, JASSM की रेंज 370 किलोमीटर से अधिक है, जबकि इसके एडवांस वर्जन JASSM-ER यानी एक्सटेंडेड रेंज की कुल रेंज 926 किलोमीटर तक पहुंच जाती है. वहीं, ब्रह्मोस की शुरुआती रेंज 290 किलोमीटर थी, जिसे अब ब्रह्मोस-ईआर यानी एक्सटेंडेड रेंज वर्जन के साथ 800 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है. और वहीं, 1500 किलोमीटर की रेंज वाले संस्करण पर भी काम चल रहा है. ऐसे में JASSM से रेंज के मुकाबले में ब्रह्मोस कहीं आगे है.
पेलोड और मारक क्षमता
दोनों मिसाइलें महत्वपूर्ण पेलोड ले जाने में सक्षम हैं. ब्रह्मोस 200-300 किलोग्राम का पारंपरिक वारहेड ले जा सकती है, जो इसे दुश्मनों के ठिकानों और जहाज जैसे कठोर टारगेट को तबाह करने में सक्षम बनाता है. वहीं, JASSM करीब 450 किलोग्राम का वारहेड ले जाती है, जिसमें अक्सर 'पेंट्रेटर वारहेड' शामिल होता है, जो बंकरों और भूमिगत सुविधाओं को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी में कौन आगे?
जहां, ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र और वायु प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है, जो इसे एक अत्यधिक मल्टीरोल हथियार बनाता है. इसे सुखोई-30एमकेआई जैसे लड़ाकू विमानों से भी लॉन्च किया जा सकता है.
वहीं, JASSM मुख्य रूप से एक एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल है, जिसे कई अमेरिकी लड़ाकू विमानों और बमवर्षकों से दागा जा सकता है. यह इसकी तैनाती की रणनीति को प्रभावित करता है.
ब्रह्मोस और JASSM में कौन ज्यादा घातक?
इन दोनों मिसाइलों की तुलना, इनकी जरूरतों और सामरिक स्थितियों पर निर्भर करती है. ब्रह्मोस अपनी गति और भारी मारक क्षमता के साथ एक शक्तिशाली हथियार है, जो दुश्मन की रक्षा को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है.
वहीं, JASSM अपनी स्टील्थ क्षमता और लंबी रेंज के साथ चुपचाप घुसपैठ करने और हाई-वैल्यू टारगेट को सटीकता से नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि कौन ज्यादा ताकतवर है, क्योंकि दोनों ही अपने-अपने तरीके से गेम चेंजर साबित होते हैं.
ऐसे में, रेंज व मारक क्षमता के मामले में ब्रह्मोस मिसाइल आगे है. वहीं, अमेरिकी JASSM मिसाइल अपनी स्टील्थ क्षमता के मामले में बेहतर व घातक मानी जाती है.
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