भारत अपनी सीमाओं की हिफाजत के लिए पूरी तरह अलर्ड मोड पर है. चाहे व आकाश, धरती या समुद्र ही क्यों न हो, भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत व हथियार क्षमताओं को बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में, भारत जल्द ही रूस से एक ऐसी पनडुब्बी लेने वाला है. जिससे भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. आइए जानते हैं इस रूसी पनडुब्बी की खासियत.
क्या होगी 'अकुला' पनडुब्बी की खासियत?
यह पनडुब्बी 1500 किलोमीटर से ज्यादा रेंज वाली घातक 'कालिबर' मिसाइलों से लैस होगी, जिससे भारत की पानी के अंदर हमला करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी. चीन की बढ़ती समुद्री ताकत और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों के जवाब में यह डील भारत के लिए बेहद अहम मानी जा रही है.
भारत की बढ़ेगी समुद्री ताकत
वरिष्ठ पत्रकार संदीप उन्नीथन की 'चक्रनेव्ज़' रिपोर्ट के मुताबिक, रूस इंडियन नेवी को 2028 तक एक लीज पर अपग्रेडेड अकुला-क्लास न्यूक्लियर अटैक सबमरीन देने वाला है. यह 3 बिलियन डॉलर की डील 2019 में इंडिया और रूस के बीच साइन हुई थी.
यह सबमरीन रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की पानी के अंदर लड़ने की कैपेबिलिटी को और मजबूत करेगी, जहां सिक्योरिटी चैलेंजेस लगातार बढ़ रहे हैं.
अकुला-क्लास पनडुब्बियां अपनी स्टील्थ और वर्सेटिलिटी के लिए जानी जाती हैं, और दुनिया की सबसे एडवांस्ड न्यूक्लियर-पावर्ड अटैक सबमरीन में से हैं.
ये टॉरपीडो और क्रूज मिसाइलों जैसे हथियारों से लैस होती हैं. इन्हें एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, एंटी-सरफेस वॉरफेयर और लॉन्ग-रेंज स्ट्राइक मिशन के लिए डिजाइन किया गया है.
1500KM रेंज की 'कालिबर' मिसाइलों से लैस
इस सबमरीन की डिलीवरी में हो रही देरी की भरपाई के लिए, रूस ने लीज पर दी जाने वाली पनडुब्बी को कालिबर मिसाइल फैमिली के एक एडवांस्ड वेरिएंट क्रूज मिसाइल से लैस करने की पेशकश की है. यह 3M54K मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन होगी.
बता दें, 3M14K मिसाइल एक्सपोर्ट मॉडल 'क्लब' का हिस्सा है, जिसकी रेंज 1,500-2,000 किमी तक है. यह इंडियन नेवी को पानी के अंदर से लंबी दूरी तक मारक क्षमता बढ़ाएगी.