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इंडियन नेवी को मिला 'समंदर का दैत्य' ERASR रॉकेट, दुश्मनों की पनडुब्बियों के उड़ा देगा चीथड़े; जानें खासियत

 ERASR Rocket India: भारतीय नौसेना को एक ऐसे रॉकेट से लैस होने जा रही है, जो समंदर के अंदर दुश्मनों की पनडुब्बियों को ढूंढ-ढूंढकर मारेगी. जिसका हाल ही में सफल परीक्षण किया गया है.

इंडियन नेवी को मिला 'समंदर का दैत्य' ERASR रॉकेट, दुश्मनों की पनडुब्बियों के उड़ा देगा चीथड़े; जानें खासियत
  • दुश्मन की पनडुब्बियों को ढूंढकर करेगा हमला
  • इंडियन नेवी के जहाजों पर लगे लॉन्चर से लॉन्च

Indian Navy ERASR Rocket India: भारतीय नौसेना भी भारतीय एयरफोर्स की तरह अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रही है. ऐसे में, भारत की तीनों सेनाएं जब जंग के मैदान में एक साथ उतरेंगी, तब बड़ों-बड़ों की हवा निकल जाएगी. बता दें, इंडियन नेवी ने एक खास स्वदेशी रॉकेट ERASR का सफल परीक्षण किया गया है. यह रॉकेट दुश्मन की पनडुब्बियों को ढूंढकर खत्म करने में माहिर है. आइए जानते हैं इस नई ताकत के बारे में, जो समंदर में भारत की पकड़ को और भी मजबूत बनाएगी.

क्या है ERASR और क्यों है यह खास?
ERASR यानी Extended Range Anti-Submarine Rocket पूरी तरह से भारत में बना एक ऐसा रॉकेट है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन की पनडुब्बियों से लड़ने के लिए किया गया है. इसे भारतीय नौसेना के जहाजों पर लगे लॉन्चर से दागा जाता है.

वहीं, इस रॉकेट की खासियत यह है कि इसमें दो रॉकेट का कॉन्फिगरेशन है. यह इसे अलग-अलग दूरी के लक्ष्यों को सटीकता और स्थिरता के साथ निशाना बनाने में मदद करता है. इसमें भारत में ही बना एक इलेक्ट्रॉनिक टाइम फ्यूज भी लगा है, जो इसे और भी प्रभावी बनाता है.

सफल रहे यूजर ट्रायल
INS कवरत्ती से 23 जून से 7 जुलाई 2025 के बीच ERASR के यूजर ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे किए गए. इस दौरान कुल 17 ERASR रॉकेटों का अलग-अलग दूरियों पर परीक्षण किया गया. सभी तय किए गए लक्ष्य, जैसे कि रेंज परफॉरमेंस, इलेक्ट्रॉनिक टाइम फ्यूज का काम करना और वारहेड का सही तरीके से काम करना, इन ट्रायलों में साबित हुए.

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
ERASR रॉकेट को DRDO की पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट ने विकसित किया है. इसमें हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी और नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी का भी सहयोग रहा है.

वहीं, इसका उत्पादन भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, हैदराबाद और सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड, नागपुर मिलकर कर रहे हैं.

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस प्रणाली के विकास और ट्रायलों में शामिल DRDO, भारतीय नौसेना और उद्योग को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के नौसेना में शामिल होने से इसकी मारक क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी.

DRDO सचिव और अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने भी ERASR के डिजाइन और विकास में शामिल टीमों की सराहना की. यूजर ट्रायल के सफल होने के बाद, भारतीय नौसेना जल्द ही ERASR सिस्टम को अपने बेड़े में शामिल करने वाली है.

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