Rafale M and Mig 29k Missile: भारतीय नौसेना निरंतर खुद को मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. इसके लिए राफेल मरीन जेट्स और मिग-29K जेट्स के साथ उन मिसाइलों को इंटीग्रेट करने की चर्चा चल रही है, जो दुश्मन का काल बन सकती हैं. ये मिसाइलें पाकिस्तान की PL-15 और चीन की PL-17 मिसाइल से मुकाबला करने की क्षमता रखती हैं. भारत की बढ़ती हुई सैन्य ताकत पाक और चीन के लिए सिरदर्द बनी हुई है.
इस मिसाइल से लैस होंगे जेट्स
भारतीय नौसेना ने फैसला किया है की वह Astra Mk2 बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) को नए ऑर्डर किए गए राफेल M जेट और पहले से मौजूद मिग-29K विमानों में इस्तेमाल करेगी. इस फैसले से नौसेना की हवाई युद्ध क्षमता को और मजबूती मिलेगी. पाकिस्तान की PL-15 और चीन की PL-17 लंबी दूरी की मिसाइलों के खिलाफ नौसेना ने Astra Mk2 को विकल्प के तौर पर देखा है.
राफेल की डिलीवरी होनी है, मिग अपग्रेड किए जाने हैं
बता दें की राफेल मरीन जेट्स को अगले कुछ सालों में डिलीवरी करना शुरू कर दिया जाएगा. इनके अलावा, INS विक्रमादित्य पर तैनात मिग-29K विमानों को भी अपग्रेड किया जाएगा, ताकि वे Astra Mk2 मिसाइल का इस्तेमाल कर सकें.
Astra Mk1 के मुकाबले बेहतर है Astra Mk2
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- DRDO ने Astra Mk2 मिसाइलों को स्वदेशी रूप से विकसित किया है. यह मिसाइल Astra Mk1 की तुलना में बेहतरीन और एडवांस मानी जाती है. इसकी रेंज 160 किलोमीटर से अधिक है. इसमें उन्नत सीकर तकनीक और बेहतर रफ्तार है. DRDO और भारतीय नौसेना मिलकर राफेल एम और मिग-29K के एवियोनिक्स और फायर कंट्रोल सिस्टम में इस मिसाइल को शामिल करने का काम करेंगे. राफेल एम में थालेस का उन्नत RBE2-AA रडार है, जो Astra Mk2 की क्षमताओं का बेहतर उपयोग करेगा. दूसरी और मिग-29K के Zhuk-ME रडार को भी अपग्रेड किया जा रहा है.