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इंडियन नेवी के 'जंगी ड्रोन' से चीन-पाक में दहशत, 800 KM तक मिसाइल-बम से करेगा हमला; HAL कर रहा तैयार

Indian Navy drones HAL CATS Warrior: इंडियन नेवी N-CATS ड्रोन की मदद से भविष्य में होने वाली लड़ाइयों के लिए पूरी तरह तैयार रहेगी, जहां दुश्मन पर एक साथ कई मोर्चों से हमला किया जा सकेगा. इससे नौसेना अपनी हवाई और समुद्री ताकत में भी भारी इजाफा कर पाएगी.

इंडियन नेवी के 'जंगी ड्रोन' से चीन-पाक में दहशत, 800 KM तक मिसाइल-बम से करेगा हमला; HAL कर रहा तैयार
  • लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर मिशन को देगा अंजाम
  • 650 किलो तक पेलोड ले जाने में सक्षम है CATS ड्रोन

Indian Navy drones HAL CATS Warrior: भारतीय नौसेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड HAL के 'कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम वॉरियर' ड्रोन कार्यक्रम में गहरी दिलचस्पी दिखाई है. इसके साथ ही, नौसेना ने इस ड्रोन के एक विशेष नेवल वर्जन को विकसित करने की भी पहल की है. जिसे 'N-CATS' नाम दिया गया है. आइए इसकी खासियत और रेंज के बारे में विस्तार से जानते हैं.

क्या है CATS प्रोग्राम इसका मकसद?
CATS प्रोग्राम यानी कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम. जिसके तहत इंडियन नेवी के लिए एक ऐसा ड्रोन तैयार करना, जो समंदर के ऊपर लड़ाकू विमान के पायलट्स के साथ मिलकर मिशन को अंजाम दे सके. बता दें, इस प्रोजेक्ट पर HAL, DARE और अन्य एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि यह नौसेना की हर जरूरत को पूरा करे.

कैसे काम करेगा CATS वॉरियर ड्रोन?
HAL का CATS वॉरियर एक लॉयल विंगमैन की तरह काम करने वाला ड्रोन है. यह ड्रोन पूरी तरह से खुद से उड़ान भर सकता है और अपने पायलट के आदेश पर काम करता है. पायलट अपने विमान से ही इसे कंट्रोल कर सकता है. यह कई तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है.

साथ ही, इस ड्रोन में रडार से बचने वाले खास तरह के मेटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. इसकी संरचना भी ऐसी है कि यह दुश्मन के रडार पर मुश्किल से पकड़ में आता है.

यह अपने आंतरिक हथियार-बे में DRDO द्वारा विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) और आत्मरक्षा के लिए हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी ले जा सकता है. इसकी अधिकतम पेलोड क्षमता 650 किलोग्राम है.

मल्टीरोल मिशन को देगा अंजाम
इस ड्रोन का मुख्य काम जासूसी और निगरानी करना है. इसके अलावा, यह सटीक हमले करने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में मदद करने और हवा से हवा में होने वाली लड़ाई में भी सहायता प्रदान कर सकता है. यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भ्रमित कर सकता है, जिससे पायलटों के लिए रास्ता साफ हो जाता है.

किन फाइटर जेट्स के साथ उड़ेगा यह ड्रोन?
यह आने वाले समय में देश के सबसे एडवांस लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर काम करेगा. भारतीय नौसेना का यह ड्रोन MiG-29K और HAL द्वारा बनाए जा रहे नौसैनिक लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर काम करेगा. वहीं, भारतीय वायुसेना के लिए इसे तेजस, सुखोई-30 MKI और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों के साथ टीम-अप किया जाएगा.

कैट्स ड्रोन की क्या होगी ऑपरेशनल रेंज?
मिशन के आधार पर इसकी ऑपरेशलन रेंज 350 से 800 किलोमीटर तक हो सकता है. यह एक बार में एक मिसाइल या बम ले जाने में सक्षम होगा. इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह बिना पायलट की जान को खतरे में डाले, बहुत ही जोखिम भरे मिशन को अंजाम दे सकता है. ऐसे में, यह ड्रोन सिस्टम भारत को अमेरिका और चीन जैसे उन देशों की श्रेणी में खड़ा कर देगा, जो इस तरह की आधुनिक युद्ध प्रणाली पर काम कर रहे हैं.

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