Passport Power Index: पिछले छह महीनों में भारत ने हेनले पासपोर्ट सूचकांक में सबसे बड़ी छलांग लगाई है और 85वें स्थान से 77वें स्थान पर पहुंच गया है. यह सूचकांक दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्टों की रैंकिंग इस आधार पर करता है कि पासपोर्ट धारक बिना वीजा के कितने देशों में प्रवेश कर सकते हैं.
भारत की यह छलांग हाल के वर्षों में एक प्रवृत्ति का हिस्सा है, जहां पारंपरिक रूप से शक्तिशाली देश, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम गिरावट की ओर हैं और भारत तथा सऊदी अरब जैसे अन्य देश लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं.
सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट किस देश का?
सूचकांक के अनुसार, सिंगापुर अभी भी दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बना हुआ है, जहां से विश्व के 227 गंतव्यों में से 193 तक वीजा-मुक्त पहुंच मिलती है, तथा अफगानिस्तान दुनिया का सबसे खराब पासपोर्ट बना हुआ है, जहां से 25 देशों तक वीजा-मुक्त पहुंच मिलती है.
अमेरिका और ब्रिटेन के फिसलने के बावजूद भारत की स्थिति बेहतर हुई
भारत 77वें स्थान पर पहुंच गया है और अब 59 देशों तक वीजा-मुक्त पहुंच है.
हेनले एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ. जुएर्ग स्टीफेन ने कहा कि किसी देश के पासपोर्ट की स्थिति कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उसके प्रभाव को दर्शाती है.
सऊदी अरब ने पिछले छह महीनों में सबसे ज्यादा छलांग लगाई है और अपनी वीजा-फ्री सूची में चार और गंतव्यों को शामिल किया है.
दूसरी ओर संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन दोनों एक-एक स्थान नीचे खिसक गए हैं. ब्रिटेन छठे स्थान पर और संयुक्त राज्य अमेरिका दसवें स्थान पर आ गया है.
हेनले एंड पार्टनर्स ने एक विज्ञप्ति में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका पहली बार शीर्ष 10 देशों से बाहर होने के खतरे में है.
यूरोप का दबदबा, लेकिन UAE और चीन ने मारी बाजी
पिछले एक दशक में, यूरोपीय देशों ने पासपोर्ट सूचकांक में अपना दबदबा बनाए रखा है, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और चीन ने भी बाजी मारी है.
सिंगापुर के बाद, जापान और दक्षिण कोरिया 190 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
तीसरे स्थान पर सात यूरोपीय संघ (EU) के पासपोर्ट हैं, जिनके पास 189 गंतव्यों तक वीजा-फ्री पहुंच है. इनमें डेनमार्क, फिनलैंड, प्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली और स्पेन हैं.
चौथे स्थान पर सात देशों का यूरोपीय समूह है, जिनके पास 188 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच है. इन देशों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल और स्वीडन हैं.
पांचवें स्थान पर न्यूजीलैंड, ग्रीस और स्विट्जरलैंड हैं.
UAE आठवें स्थान पर है, पिछले 10 वर्षों में 34 स्थानों की छलांग लगाई है और इस अवधि में शीर्ष 10 में जगह बनाने वाला एकमात्र ऐसा देश है. चीन भी 2015 में 94वें स्थान से 34 स्थान ऊपर चढ़कर 2025 में 60वें स्थान पर पहुंच गया है.
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