भारत के रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने एक ऐसा 'मास्टरस्ट्रोक' चला है, जिससे अब इंडियन एयरफोर्स के भविष्य के फाइटर जेट, खासकर AMCA देसी ताकतों यानी देसी पुर्जों व हथियारों से लैस होंगी. दरअसल HAL ने एक बड़ी भारतीय कंपनी को जेट इंजन के महत्वपूर्ण पुर्जे बनाने का आदेश दिया है. यह फैसला विदेशी सप्लायर्स पर निर्भरता को कम करेगा और भारत को एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में और मजबूत बनाएगा. आइए जानते हैं, कैसे यह प्लान भारत के फाइटर जेट को पूरी तरह से मेक इन इंडिया बनाएगा.
जेट इंजन की खास ताकत सुपरएलॉय
सुपरएलॉयज खास धातुएं होती हैं, जिन्हें अत्यधिक तापमान और दबाव झेलने के बनाया जाता है. ये जेट इंजन के महत्वपूर्ण चीजों जैसे टरबाइन ब्लेड के लिए बेहद जरूरी हैं. ये एलॉय उच्च तापमान में भी अपनी मजबूती बनाए रखते हैं.
HAL ने दिया 600 करोड़ का ऑर्डर
रिपोर्ट के मुताबिक, HAL ने मिश्रा धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) को 600 करोड़ रुपये का एक बड़ा ऑर्डर दिया है. बता दें, यह एडवांस सुपरएलॉयज की सप्लाई के लिए दिया गया ऑर्डर है. जिसका उद्देश्य जेट इंजन के महत्वपूर्ण चीजों के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करना है.
पहले से ही MIDHANI की सुपरएलॉयज और अन्य एडवांस मशीनों व पुर्जों को विकसित करने में एक्सपीरियंस है. बता दें, AL-31FP इंजन, IAF के सुखोई Su-30 MKI फाइटरों को ताकत देता है. जिसका निर्माण HAL करता है. हालांकि, इसके प्रमुख सुपरएलॉय कंपोनेंट्स ऐतिहासिक रूप से आयात किए जाते रहे हैं, जिससे रणनीतिक जोखिम बना हुआ था.
AMCA और कावेरी इंजन को मिलेगा नया बूस्ट
MIDHANI द्वारा सप्लाई किए जाने वाले सुपरएलॉयज का उपयोग केवल AL-31FP में ही नहीं होगा. इनका इस्तेमाल स्वदेशी कावेरी इंजन और AMCA Mk-2 के लिए तैयार किए जा रहे इंजन में भी किया जाएगा.
इन पुर्जों को घरेलू स्तर पर बनाकर, HAL का लक्ष्य अपनी इंजन उत्पादन लाइन की मजबूती बढ़ाना है, जिससे भू-राजनीतिक टकराव के समय में भी बिना रुके इंजन व फाइटर जेट का उत्पादन होता रहे.