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War: क्या भारत और पाकिस्तान के बीच जो हुआ वह युद्ध है? नहीं... जानिए क्यों

India-Pakistan NEWS: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई तनातनी ने इस बात की आशंका बढ़ा दी है कि यह झड़पें दोनों परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच एक पूर्ण युद्ध में बदल सकती हैं. लेकिन नई दिल्ली युद्ध की घोषणा कैसे करती है? संविधान क्या कहता है?

War: क्या भारत और पाकिस्तान के बीच जो हुआ वह युद्ध है? नहीं... जानिए क्यों

Is war between India Pakistan? भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही इस बात की आशंका है युद्ध का नतीजा खतरनाक हो सकता है, खासकर पाकिस्तान को भारी नुकसान हो भी चुका है. बीती रात, नई दिल्ली ने कई मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग करके पश्चिमी सीमा को निशाना बनाने की इस्लामाबाद की कोशिश को विफल कर दिया.

पाकिस्तान ने 7 मई सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय हमलों के बाद कार्रवाई करने का सोचा था. ऑपरेशन सिंदूर नाम का यह मिशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से किया गया था, जिसमें 26 लोग मरे थे.

एक बात ये भी 22 अप्रैल से पाकिस्तान ने पिछले दो हफ्तों से सीमा पार से गोलीबारी जारी रखी हुई है.

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई तनातनी ने युद्ध की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. लेकिन नई दिल्ली द्वारा औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा कैसे की जाती है?

भारत का संविधान क्या कहता है?
युद्ध को दो या दो से अधिक देशों के बीच सशस्त्र संघर्ष के रूप में परिभाषित किया जाता है. यह आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक कारणों से लड़ा जा सकता है. भारतीय संविधान में युद्ध की घोषणा करने का कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है.

The Leaflet के मुताबिक, युद्ध का उल्लेख ऐसी चीज के रूप में किया जाता है जो उत्पन्न हो चुकी है, न कि ऐसी चीज के रूप में जिसे कोई देश शुरू कर सकता है. संविधान का अनुच्छेद 352, जो आपातकाल से संबंधित है, युद्ध के समय लागू किया जाता है.

अनुच्छेद 352 में क्या है?
अनुच्छेद 352 (1) में कहा गया है कि यदि राष्ट्रपति 'संतुष्ट हैं कि कोई गंभीर आपातकाल मौजूद है जिससे भारत या उसके क्षेत्र के किसी भाग की सुरक्षा को खतरा है, चाहे युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से.' तो वह उद्घोषणा के माध्यम से 'संपूर्ण भारत या उसके क्षेत्र के ऐसे भाग के संबंध में घोषणा कर सकते हैं, जैसा कि उद्घोषणा में निर्दिष्ट किया जा सकता है.'

राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर आपातकाल की उद्घोषणा जारी कर सकते हैं. वह आपातकाल की घोषणा तभी कर सकती है जब ऐसी सिफारिश लिखित रूप में की गई हो.

वैसे तो युद्ध में जाना है या नहीं, इसका निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किया जाता है. आपातकाल के दौरान संसद भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. घोषणा को लोकसभा और राज्यसभा के समक्ष रखा जाता है. यह एक महीने के बाद तब तक वैध नहीं होगी जब तक कि संसद के दोनों सदनों द्वारा इसे मंजूरी न दे दी जाए. ऐसी घोषणा पर प्रस्ताव संसद द्वारा 'उस सदन की कुल सदस्यता के बहुमत से और सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है.'

आपातकाल छह महीने तक लागू रहता है और इसी तरह के संसदीय प्रस्तावों के माध्यम से इसे छह महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है. राष्ट्रपति को किसी अन्य उद्घोषणा के माध्यम से आपातकाल की घोषणा को रद्द करने का अधिकार है. इसके अलावा, अगर लोकसभा आपातकाल को जारी रखने के खिलाफ प्रस्ताव पारित करती है तो वह आपातकाल को रद्द करने के लिए बाध्य है.

क्या भारत ने कभी युद्ध की घोषणा की है?
नहीं. जबकि भारत ने अतीत में पाकिस्तान सहित कई युद्ध लड़े हैं, लेकिन युद्ध की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

भारत ने पाकिस्तान के साथ अपना पहला युद्ध 1947-48 में लड़ा था, जब कश्मीर पर कबायली मिलिशिया और पाकिस्तानी सेना ने आक्रमण किया था.

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच 1965 में फिर से युद्ध हुआ, जिसमें संघर्ष संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में युद्ध विराम और ताशकंद घोषणा के साथ समाप्त हुआ.

1971 में भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ा, जिसके परिणामस्वरूप एक नए देश, बांग्लादेश का गठन हुआ. यह तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में राजनीतिक और मानवीय संकट के कारण शुरू हुआ था.

1999 का कारगिल युद्ध पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों द्वारा जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ के साथ शुरू हुआ था. उस समय युद्ध की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी.

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