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महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा की सीट कितनी मुश्किल, क्या बचा पाएंगी 'पुश्तैनी किला'

Jammu Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर की हाईप्रोफाइल सीटों की बात करें तो इनमें बिजबेहरा सीट का नाम भी आता है जिसे मुफ्ती परिवार और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का गढ़ माना जाता है. 2024 के विधानसभा चुनाव में बिजबेहरा से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती पीडीपी के टिकट पर मैदान में हैं. जानिए ये सीट उनके लिए कितनी सुरक्षित है?

महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा की सीट कितनी मुश्किल, क्या बचा पाएंगी 'पुश्तैनी किला'
  • पीडीपी का किला है बिजबेहरा सीट
  • महबूबा मुफ्ती भी यहां से जीत चुकी हैं

नई दिल्लीः Jammu Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर में चुनावी शोर तेज हो गया है. हर कोई पार्टी और उम्मीदवार अपनी-अपनी सीटों पर चुनावी ताल ठोक रहे हैं. इसी में एक ऐसी हाईप्रोफाइल सीट है जिसका जिक्र जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में होना लाजिमी है. ये सीट है बिजबेहरा और इसके हाईप्रोफाइल होने की वजह यह है कि इस सीट से राज्य को एक ही परिवार के दो मुख्यमंत्री मिले हैं. और अब इस सीट पर इसी परिवार की तीसरी पीढ़ी की बेटी दावेदारी करने जा रही है. ऐसे में सवाल है कि वह पुश्तैनी किला बचा पाएंगी या नहीं.

पीडीपी का किला है बिजबेहरा सीट

दरअसल हम जिस परिवार की बात कर रहे हैं वो है मुफ्ती मोहम्मद सईद का परिवार. बिजबेहरा सीट इस परिवार का मजबूत किला है. यहां 1967 से लेकर 9 बार विधानसभा चुनाव और उपचुनाव हुए हैं जिनमें से 6 बार मुफ्ती परिवार या पीडीपी के कैंडिडेट ने जीत हासिल की है. जबकि 1996 के बाद से इस सीट पर सिर्फ पीडीपी को ही जीत मिली है.

महबूबा मुफ्ती भी यहां से जीत चुकी हैं

इस सीट से मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती भी जीते थे और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे. अब महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं. चूंकि इस सीट पर लंबे समय से पीडीपी जीतते हुए आ रही है इसलिए इल्तिजा के लिए ये सीट आसान मानी जा रही है. 

हालांकि बिजबेहरा से इल्तिजा के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेस ने बशीर अहमद शाह को उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेपी ने सोफी युसूफ को टिकट दिया है. यहां 18 सितंबर को पहले चरण में मतदान होना है. 

इल्तिजा के लिए बिजबेहरा की डगर कठिन या आसान?

भले ही पीडीपी की तरफ से बिजबेहरा को सेफ सीट समझा जा रहा हो लेकिन यहां जीतना इतना आसान है नहीं. क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव में बिजबेहरा से पीडीपी के अब्दुल रहमान सिर्फ 2868 वोटों से ही जीत पाए थे. तब उनके खिलाफ भी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बशीर अहमद शाह को उतारा था. वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान खुद महबूबा मुफ्ती अनंतनाग सीट से हार गई थीं. बिजबेहरा सीट भी अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में आती है.   

जानकारों की मानें तो बिजबेहरा सीट पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. पिछली बार यहां नजदीकी लड़ाई में पीडीपी ने बाजी मारी थी. हालांकि पीडीपी ने 2014 में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था इसका उसे खामियाजा उठाना पड़ सकता है लेकिन पुरानी सीट होने के चलते इल्तिजा को यहां से थोड़ा फायदा मिल सकता है.

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