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लोकसभा चुनाव के नतीजों से राहुल-खड़गे खुश, पर DK शिवकुमार असंतुष्ट, परिणाम को बताया पार्टी के लिए खतरे की घंटी

Lok Sabha Elections 2024 Results: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं. नतीजों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में 99 सीटें आई हैं. पार्टी के इस प्रदर्शन से राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता खुश हैं, लेकिन कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री पार्टी के प्रदर्शन से निराश हैं और प्रदर्शन पर कई सवाल खड़े किए हैं. और तो और डीके शिवकुमार ने इस परिणाम को कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी तक बता दिया है. 

लोकसभा चुनाव के नतीजों से राहुल-खड़गे खुश, पर DK शिवकुमार असंतुष्ट, परिणाम को बताया पार्टी के लिए खतरे की घंटी
  • 'नेताओं को अपने ही गांवों में नहीं मिले वोट' 
  • '14-15 सीटें जीतने का था अनुमान' 
     

नई दिल्लीः Lok Sabha Elections 2024 Results: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं. नतीजों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में 99 सीटें आई हैं. पार्टी के इस प्रदर्शन से राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता खुश हैं, लेकिन कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री पार्टी के प्रदर्शन से निराश हैं और प्रदर्शन पर कई सवाल खड़े किए हैं. और तो और डीके शिवकुमार ने इस परिणाम को कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी तक बता दिया है. 

'नेताओं को अपने ही गांवों में नहीं मिले वोट' 
उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं को अपने ही गांवों में वोट नहीं मिले हैं. कर्नाटक में हम सत्ता में हैं. इसके बावजूद प्रदेश की 28 में से सिर्फ 9 सीटें कांग्रेस के खाते में आती हैं. हमें सुधार और आत्ममंथन की आवश्यकता है. इसके लिए हम पार्टी के सभी नेताओं के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. हमारे लिए यह आत्ममंथन और सुधार का समय है. यह परिणाम हमारे लिए खतरे की घंटी है. 

'14-15 सीटें जीतने का था अनुमान' 
डीके शिवकुमार ने आगे बताया कि राज्य भर के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक समीक्षा बैठक बुलाई गई है. हम तारीखों का ऐलान बहुत जल्द करेंगे. कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश का जिक्र करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि हमें 14-15 सीटें जीतने का भरोसा था लेकिन अफसोस की हम इन आंकड़ों को नहीं हासिल कर पाए हैं. हमें लोगों के फैसलों को स्वीकार करना होगा. पार्टी के नेताओं को अपने ही गांवों और कस्बों में वोट नहीं मिले हैं, जो कि चिंता की बात है. 

कार्यकर्ताओं से बात करने की दी नसीहत 
उन्होंने आगे कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप का कोई मतलब नहीं हैं. जो नेता निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी हैं, उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं से बैठकर अच्छी तरह से बात करनी चाहिए और कारणों की जांच करनी चाहिए. 

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