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लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, राबड़ी देवी सहित बेटियों के खिलाफ ED का बड़ा एक्शन

ED chargesheet against Rabri Devi: 4,751 पन्नों की चार्जशीट में राजद प्रमुख लालू यादव के परिवार के करीबी सहयोगी अमित कात्याल के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों और कंपनियों का नाम भी शामिल है. गौरतलब है कि कात्याल को इस मामले में पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ ईडी की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था.

लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, राबड़ी देवी सहित बेटियों के खिलाफ ED का बड़ा एक्शन
  • ED ने PMLA अदालत में दायर की 4,751 पन्नों की चार्जशीट 
  • नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़ा है मामला

ED chargesheet against Rabri Devi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र (Chargesheet) दायर किया. समाचार एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आरोपपत्र दिल्ली में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत के समक्ष दायर किया गया है. बताया गया कि अदालत 16 जनवरी को मामले की सुनवाई करने वाली है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4,751 पन्नों की चार्जशीट में राजद प्रमुख लालू यादव के परिवार के करीबी सहयोगी अमित कात्याल के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों और कंपनियों का नाम भी शामिल है. गौरतलब है कि कात्याल को इस मामले में पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ ईडी की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था.

जारी हुए समन
संघीय एजेंसी ने पहले भी कई बार बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव को समन जारी किया है, लेकिन वे अभी तक सामने पेश नहीं हुए.

दिसंबर में, लालू ने समन को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, 'मैंने हमेशा कहा है कि यह इन एजेंसियों की गलती नहीं है जिनसे इतने दबाव में काम कराया जा रहा है. लेकिन मुझे यह बताना होगा कि कुछ समय पहले मैंने जो भविष्यवाणी की थी वह सच हो गई है... मैंने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव खत्म होने से पहले ही ये एजेंसियां फिर से काम में लग जाएंगी और बिहार, झारखंड और दिल्ली पर अपनी बंदूकें चलाना शुरू कर देंगी.'

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला?
नौकरी के बदले जमीन का घोटाला 2004 और 2009 के बीच हुआ था जब लालू यादव कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन शासन के दौरान रेल मंत्री थे.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आरोप लगाया कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में अनियमित नियुक्तियां की गईं.

इसमें कहा गया है कि जिन लोगों को रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नौकरियां मिलीं या तो सीधे या अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के माध्यम से उन्होंने लालू के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेच दी.

हालांकि, यादव परिवार ने आरोपों से इनकार करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.

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