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Ajit Pawar: अजित पवार की बातों में छिपे हैं कई इशारे, यूं ही नहीं कहलाते सियासत के 'दादा'!

Ajit Pawar Politics: महाराष्ट्र में आज शपथ ग्रहण समारोह होना है. समारोह में अजित पवार डिप्टी CM पद की शपथ लेंगे. उन्होंने कल ही कह दिया था कि मेरा शपथ लेना तय है. कल हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से अजित पवार के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

Ajit Pawar: अजित पवार की बातों में छिपे हैं कई इशारे, यूं ही नहीं कहलाते सियासत के 'दादा'!
  • भाजपा के भरोसेमंद हुए अजित पवार
  • अजित को नंबर 2 की कुर्सी की उम्मीद 

नई दिल्ली: Ajit Pawar Politics: इशारों से मोहब्बत ही नहीं, बल्कि सियासत भी की जाती है... आज महाराष्ट्र में नई सरकार के मुखिया का शपथ ग्रहण समारोह है. उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री भी शपथ ले सकते हैं. इसमें एक नाम तो अजित पवार का तय है, ये हम नहीं खुद अजित पवार कह चुके हैं. बुधवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में NCP नेता अजित पवार ने मजाकिया अंदाज में कहा था कि इनका (शिंदे) तो शाम तक समझ आएगा, लेकिन मैं तो शपथ लेने वाला हूं. इस वाकये के जरिये अजित पवार ने कई सियासी संदेश दे दिए. यही कारण है कि अजित को सियासत का 'दादा' भी कहा जाने लगा है.

अजित पवार की क्लियरिटी, भाजपा के साथ रहेंगे
जानकार सूत्रों की मानें तो भाजपा में देवेंद्र फडणवीस का पलड़ा इसलिए भी भारी था, क्योंकि अजित पवार उनके समर्थन में थे. अजित पवार पहले दिन से ही भाजपा के साथ खड़े हैं. एक भी भी पवार की नाराजगी की खबर सामने नहीं आई. 41 सीटें लाकर अजित पवार ने खुद को प्रूव किया और मजबूती से महायुति गठबंधन में डटे हुए हैं. अजित हवा के साथ चलने वाले नेताओं में हैं, उनकी बातों से स्पष्ट है कि वे लंबे समय तक भाजपा का साथ निभाएंगे.

शिंदे रहें न रहें, हम डेट रहेंगे
अजित पवार के बयान से ये भी साफ है कि वे अपनी सियासत एकनाथ शिंदे से अलग देख रहे हैं. वे शिंदे के साथ नहीं, बल्कि भाजपा के साथ हैं. उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि शिंदे भाजपा के साथ रहें या न रहें, न ही अजित शिंदे के पलटने पर खुद पलटेंगे. वे राजनीति के चतुर सुजान हैं. वे जानते हैं कि शिंदे ने भाजपा का साथ छोड़ा तो उनकी अहमियत महायुति गठबंधन में बढ़ेगी.

नंबर 2 बनने की ताक में अजित
महायुति गठबंधन की पिछली सरकार में तीनों दिग्गज पार्टियों को बराबर मंत्रालय मिले थे. लेकिन इस बार मेरिट के हिसाब से मंत्रालय दिए जाएंगे. जिसकी जितनी सीटें, उसके उतने अधिक मंत्रालय. ऐसे में भाजपा का नंबर एक, शिवसेना का नंबर 2 और NCP का नंबर 3 पार्टी बनना तय है. हालांकि, अजित पवार की पार्टी खुद के लिए नंबर दो की पोजीशन मांग रही है, क्योंकि उनका स्ट्राइक रेट अच्छा रहा. अजित खेमा वित्त मंत्रालय भी चाहता है. अजित पवार का ये कहना- मेरा तो शपथ लेना तय है... बताता है कि वे भाजपा के शिवसेना से अधिक भरोसेमंद साथी हैं. इससे वे भाजपा को भी संदेश दे गए कि शिंदे से ज्यादा मजबूती से महायुति में NCP है. 


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