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मणिपुर हिंसा: अब एंट्री ड्रोन सिस्टम लेगा खबर, 'खतरनाक ड्रोन' पर रखेगा नजर

मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के बीच हमलों के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल होने लगा है. हिंसा की नई घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को केंद्र से राज्य की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की है. 

मणिपुर हिंसा: अब एंट्री ड्रोन सिस्टम लेगा खबर, 'खतरनाक ड्रोन' पर रखेगा नजर
  • मणिपुर में तैनात किए एंटी ड्रोन सिस्टम.
  • ड्रोन के इस्तेमाल से हुई हैं कई घटनाएं.

इंफाल. उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में हिंसा की नई घटनाओं में कई लोगों की मौत के बाद राज्य में रविवार को सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई. असम राइफल्स ने किसी भी ड्रोन हमले से निपटने के लिए इंफाल घाटी के दूरस्थ इलाकों में ड्रोन रोधी प्रणालियां तैनात की हैं. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने राज्य पुलिस को एक ड्रोन रोधी प्रणाली सौंपी है. मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के बीच हमलों के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल होने लगा है.

ड्रोन के इस्तेमाल से घटनाएं
विस्फोटक गिराने के लिए रिमोट नियंत्रित ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार इंफाल वेस्ट जिले के कौत्रुक गांव में एक सितंबर को हुआ था. उस हमले में बंदूकों का भी इस्तेमाल किया गया था और दो लोगों की मौत हो गई थी और नौ अन्य घायल हो गए थे. इससे अगले दिन करीब तीन किलोमीटर दूर सेंजाम चिरांग में फिर से ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.

मणिपुर सीएम ने की अपील
मणिपुर में हिंसा की नई घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को केंद्र से राज्य की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की. उन्होंने बताया कि सिंह ने केंद्र सरकार से कुकी-जो समूहों द्वारा उठाई गई अलग प्रशासन की मांग के आगे न झुकने का भी आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कई विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और एक बैठक की.

संजय राउत ने साधा निशाना
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अमित शाह मुंबई क्यों आए हैं, उन्हें मणिपुर और जम्मू कश्मीर जाना चाहिए. वह मुंबई में क्या कर रहे हैं? उन्हें मणिपुर जाने की हिम्मत दिखानी चाहिए. मणिपुर में लगातार हमले हो रहे हैं. आज भी मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. गृह मंत्री मुंबई में मौज-मस्ती कर रहे हैं.

अजित पवार के बारे में उन्होंने कहा कि सभी ने अपनी-अपनी एजेंसी बना रखी है. अजित पवार की एजेंसी और शिंदे गुट की अलग एजेंसी, ये सब भाजपा के निर्देश पर काम करती हैं. इनके नेता एजेंसी के निर्देशानुसार ही कपड़े भी पहनते हैं.

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