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अपनी गाड़ियों पर भूलकर भी न लगाएं ये राष्ट्रीय प्रतीक, खानी पड़ जाएगी जेल की हवा

अपने देश के लिए हर देशवासी के मन में बहुत प्यार होता है, लेकिन अक्सर हम जानकारी के अभाव की वजह से जाने-अनजाने में अपने राष्ट्रीय चिन्हों के साथ ऐसी चीजें कर जाते हैं, जो कानूनी रूप से मना होती हैं. ऐसे में चलिए आज हम अपने इसे लेकर कुछ खास जानने की कोशिश करते हैं.

अपनी गाड़ियों पर भूलकर भी न लगाएं ये राष्ट्रीय प्रतीक, खानी पड़ जाएगी जेल की हवा
  • अनजानें में करते हैं लोग अपमान
  • राष्ट्रीय चिन्ह पर बरतें ये सावधानी

नई दिल्ली: अक्सर देख जाता है कि जानकारी के अभाव की वजह से कई बार लोग कानून के नियमों का उल्लंघन कर जाते हैं. ऐसा ही एक नियम है राष्ट्रीय प्रतीकों का जाने-अनजाने में अपमान कर देना. आपने कई लोगों को अपनी गाड़ियों पर तिरंगा लगाए हुए देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी भी आम नागरिक को ऐसा करने की इजाजत नहीं होती. इसके लिए उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि, आम नागरिकों को तिरंगा फहराने की पूरी आजादी होती है.

तिरंगे के विशेष नियम

तिरंगे का इस्तेमाल करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है. इन नियमों के मुताबिक, राष्ट्रीय ध्वज से किसी वस्तु लपेटा नहीं जा सकते. इसके अलावा ध्वज आज फर्श या पानी पर भी स्पर्श नहीं कर सकते. इसके अलावा किसी कार्यक्रम के दौरान भी वक्ता के टेबल ढकने या स्टेज को लपेटने में तिरंगे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

ये लोगों के पास है अधिकार

कम ही लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि कोई भी आम नागरिक अपनी गाड़ियों पर ध्वज नहीं लगा सकता. इसका अधिकार देशभर में कुछ ही लोगों को दिया जाता है. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के पैराग्राफ 3.44 के अनुसार, गाड़ियों पर तिरंग फहराने का अधिकार केवल राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल, उपराज्यपाल, प्रधानमंत्री, भारतीय मिशन के पदों के प्रमुख, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री, किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष और केंद्र शासित प्रदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के पास ही होता है.

कानूनन अपराध

आम नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराने या हाथ में झंडा लेकर चलने की पूरी आजादी है, लेकिन प्राइवेट गाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाना कानूनन अपराध है. अगर कोई भी व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करता है तो उस पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान का अपमान करने पर 3 साल जेल की सजा या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं.

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