Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद से भारतीयों में बहुत आक्रोश था, हर भारतीय उसका बदले में जवाबी कार्रवाई चाहता था. रात 6-7 मई को भारतीय सेना ने आखिर वो कर ही दिया, जिसका सभी को इंतजार था. पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी कैंप्स को उड़ा दिया. इस एयर स्ट्राइक को 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया. दरअसल इस मिशन को सिंदूर ऑपरेशन का नाम इसलिए दिया गया क्योंकि पहलगाम में हुए हमले में महिलाओं ने अपने सुहाग को खोया जिसका बदला लेने के लिए यह मिशन किया गया. इस ऑपरेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये नाम दिया. मगर सवाल ये उठता है कि विदेशों में मिलिट्री ऑपरेशन का नाम कैसे तय होता है? चलिए जानते हैं कि कैसे नाम रखा जाता है और दुनिया के सबसे चर्चित नामों के बारे में जानते हैं.
नाम रखने की शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिलिट्री ऑपरेशन को नाम देने की शुरुआत पहले विश्व युद्ध के दौरान हुई थी. किसी भी मिशन के लिए जर्मनी सेना ने काल्पनिक और धार्मिक नामों को चुना. जर्मन ने मिलिट्री ऑपरेशन के लिए आर्केनजेस, मार्स, एकिलीज जैसे नाम दिए. वहीं साथ ही दूसरे विश्व युद्ध में राजा के नाम पर ऑपरेशन के नाम रखे गए. नाजी जर्मनी ने सोवियत रूस के ऊपर हमले में उस मिशन का नाम ऑपरेशन बारबरोसा रखा, क्योंकि यह रोमन साम्राज्य के राजा फेड्रिक बारबरोसा के नाम पर रखा गया. इस प्रकार आइए जानते हैं कि कैसे इन ऑपरेशन के नाम रखे गए औ कैसे इनके ट्रेंड में बदलाव हुए.
कोड नेम का चलन
दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने मिलिट्री लीडरों को भड़काऊ कोड नेम रखने से मना किया. वे मानते थे कि इन ऑपरेशन में सैकड़ों सिपाहियों के मरने की आशंका रहती है, इसलिए ऑपरेशन का नाम ऐसा होना चाहिए जिससे सिपाहियों का अपमान न हो, और न ही किसी जिंदा कमांडरो के नाम पर होना चाहिए.
अमेरिकी रक्षा एजेंसी ने चलाया कोड नेम का चलन
दूसरे विश्व युद्ध के बाद हर ऑपरेशन को नाम दिया जाने लगा. अधिकतर वही ऑफिसर्स नाम का चयन करते थे, जिन्हें उस ऑपरेशन को लीड करने की जिम्मेदारी दी जाती थी. वियतनाम युद्ध के बाद 1972 में, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने किसी संगठन, जाति, धर्म और पारंपरिक आदर्शों के खिलाफ कोई भी नाम रखने के लिए मना किया.
नाम चुनने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग
1975 में ऑपरेशन के नाम के लिए कंप्यूटर का प्रयोग किया जाने लगा. Code Word, Nickname, and Exercise Term System (NICKA) नाम से एक सिस्टम बनाया गया. कई सालों तक नाम को चुनने के लिए इस तकनीकि का प्रयोग किया गया. जैसे Odyssey और Operation Golden Pheasant जैसे नाम दिए गए.
पब्लिक रिलेशन के लिए चुना गए नाम
जैसे-जैसे दौर बदला टीवी का चलन हुआ, वैसे ही लोगों तक खबरें जल्द ही पंहुचने लगी. इसलिए ऐसे नामों का चयन किया जाने लगा जिससे देश और सेना के पब्लिक रिलेशन मजबूत बनें.
डेजर्ट स्टॉर्म
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा खाड़ी युद्ध (1990-1991) के दौरान इराक के खिलाफ किए गए सैन्य अभियान का कोडनेम था. पहले युद्ध के नाम जगह के नाम से डिसाइड किए जाते थे, जिस प्रकार ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म रेगिस्तानी क्षेत्र में हुआ था. वहीं स्टॉर्म हवाई हमलों की तीव्रता को दर्शाता है.
दुनिया के 10 चर्चित कोड नेम
जब हम दुनिया के सबसे चर्चित मिशन कोड के नाम के बारे में बात करते हैं तो इन 10 कोड नेम को शामिल किया जाता है. आइए दुनिया के सबसे चर्चित कोड नेम के बारे में जानते हैं.
1. ऑपरेशन डायनामो
1940 में जब जर्मनी ने फ्रांस पर हमला किया, तो ब्रिटेन ने फ्रेंच की सेना बीच से निकालने के लिए ऑपरेशन डायनामो चलाया. इस मिशन में 3 लाख से ज्यादा सैनिकों को रेस्क्यू किया था.
2. ऑपरेशन ओवरलॉर्ड
6 जून 1944 में एलाइड देशों की सेनाओं ने नॉरमैंडी, फ्रांस में उतरकर नाजी जर्मनी कब्जे से वेस्टर्न यूरोप को आजाद कराने के लिए ऑपरेशन ओवरलॉर्ड शुरु किया था.
3. ऑपरेशन मैजिक कार्पेट
1949-50 के बीच यमन के यहूदियों को अमेरिका की मदद से इजराइल लाया गया था.
4. ऑपरेशन रोलिंग थंडर (1967-68)
अमेरिका ने नॉर्थ वियतनाम पर हमला कर वहां पर बम गिराए, उसे ऑपरेशन रोलिंग थंडर का नाम दिया गया.
5. ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड
1972 में जब फिलिस्तीनी आतंकियों ने इजरायली खिलाड़ियों पर हमला कर उन्हें जान से मार दिया तब इजराइल की सुरक्षा एजेंसी मोसाद ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.
6. ऑपरेशन विजय
भारत में दो बार ऑपरेशन विजय को अंजाम दिया गया, 1961 में गोवा, दमन और दीव को पुर्तगाल छोड़ने के लिए और फिर 1999 में कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
7. ऑपरेशन अर्जेंट फ्यूरी- 1983
अमेरिका ने जब ग्रेनाड पर हमला किया तो इस हमले को ऑपरेशन अर्जेंट फ्यूरी कोड नेम दिया गया.
8. ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म- 1990
1990 में इराकी सेना ने जब कुवैत पर कब्जा कर लिया था. तब बुश ने अमेरिकी सेना को कुवैत का कब्जा छुड़ाने के लिए भेजा था.
9. ऑपरेशन रेड डॉन
2003 में अमेरिका ने इराक पर कब्जा किया तो इसके बाद सद्दाम हुसैन को पकड़ने वाले मिशन का नाम रेड डॉन रखा था.9. ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर
10. ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर
ओसामा बिन लादेन को 2011 में पकड़ने के लिए चलाए गए मिशन को ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर नाम दिया गया.
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