India's Rafale vs Pak's F-16: पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है. इसमें भारतीय वायुसेना (IAF) के राफेल विमानों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए. ऐसे में अब फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई शक्ति को लेकर चर्चा होने लगी है.
भारतीय सशस्त्र बलों ने घातक पहलगाम हमले के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत नौ लक्ष्यों पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिनमें से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे. बता दें कि पहलगाम हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि भारतीय वायुसेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि स्वास्थ्य केंद्रों की आड़ में आतंकी शिविर संचालित किए जा रहे हैं.
सफल ऑपरेशन से दिखी भारत की ताकत
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता भारत की स्पष्ट तकनीकी और परिचालनात्मक बढ़त को दर्शाती है. जहां ऐसे में भारत के राफेल और पाकिस्तान के एफ-16 और JF-सीरीज के जेट विमानों को भी आमने-सामने रखकर इनकी ताकत पर एक नजर डाल लेनी चाहिए.
राफेल: भारत का अत्याधुनिक मल्टीरोल लड़ाकू विमान
4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमान के रूप में बना राफेल, भारतीय वायुसेना के शस्त्रागार में सबसे उन्नत विमान है. भारत के राफेल में BVR मिसाइल, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेर सूट और बेहतर रडार और संचार प्रणाली शामिल हैं.
राफेल के थेल्स RBE2 AESA रडार और फ्रंटल स्टील्थ क्षमताएं एक अलग और मजबूत अनुभव प्रदान करती हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर बम जैसे सटीक हथियारों को ले जाने की इसकी क्षमता, सटीक सटीकता के साथ डीप हमले के मिशनों को संभव बनाती है.
एफ-16: सीमित उपयोग और पुराना बेड़ा
अमेरिका से प्राप्त पाकिस्तान के एफ-16 विमान बहुत शक्तिशाली हैं, लेकिन इनके उपयोग पर सख्त प्रतिबंध हैं.
अमेरिकी समझौतों के तहत, पाकिस्तान भारत के खिलाफ आक्रामक अभियानों के लिए एफ-16 या अमेरिका द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का उपयोग नहीं कर सकता है. वे हथियारों को आतंकवाद विरोधी और आंतरिक रक्षा भूमिकाओं में ही इस्तेमाल कर सकता है.
लगभग 75 विमानों वाले इस बेड़े को वित्तीय बाधाओं और अमेरिकी निगरानी के कारण रखरखाव संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे परिचालन उपलब्धता सीमित हो रही है.
हालांकि एफ-16 विमान हवाई लड़ाई में बेहतर हैं और AIM-120C5 AMRAAM मिसाइलों से लैस हैं, लेकिन इनमें राफेल की तरह एडवांस इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और BVR क्षमताएं नहीं हैं.
जेएफ-17: रीढ़ की हड्डी लेकिन सीमित
पाकिस्तान और चीन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित जेएफ-17 थंडर, पाकिस्तान वायु सेना (PAF) की रीढ़ है.
JF- 17 एक हल्का, सिंगल-इंजन जेट है, जो राफेल की तुलना में उतना बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमताओं से दूर है, क्योंकि इसमें सेंसर भी उतने प्रभावी नहीं.
लेटस्ट ब्लॉक 3 वैरिएंट में AESA रडार और बेहतर एवियोनिक्स शामिल हैं, लेकिन यह अभी भी रेंज, पेलोड और विवादित हवाई क्षेत्र में जीतने के लिए राफेल से पीछे है.
ऑपरेशन सिंदूर ने राफेल की एडवांस क्षमताओं का लाभ उठाते हुए सटीकता और गहराई से हमला करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित किया.
इसके विपरीत पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े को अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और रखरखाव के मुद्दों से बाधा होती है, जबकि जेएफ-17, हालांकि यह आधुनिक है, लेकिन राफेल के आगे नहीं टिकता.
भारतीय वायुसेना की तकनीकी बढ़त और उपयोग की स्वतंत्रता भारत को इस क्षेत्र में निर्णायक लाभ प्रदान करती है.
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