trendingNow1zeeHindustan2731061
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

Tashkent Agreement: पाकिस्तान अपने ही पैरों पर मार रहा कुल्हाड़ी, भारत को मिली PoK वापस लाने की 'संजीवनी'!

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है. ऐसे में जहां एक ओर भारत ने पाकिस्तान की ओर कड़ा रुख अपनाते हुए कई फैसले लिए हैं. वहीं, अब पाकिस्तान ने भी बौखलाते हुए बड़े कदम उठाए हैं.

Tashkent Agreement: पाकिस्तान अपने ही पैरों पर मार रहा कुल्हाड़ी, भारत को मिली PoK वापस लाने की 'संजीवनी'!
  • पाकिस्तान हटा सकता है ताशकंद समझौता
  • भारत के लिए हो जाएगा फायदे का सौदा

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़े फैसले लिए हैं. इस हमले के बाद लगातार दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ता जा रह है. पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए पांच फैसले ऐसे लिए, जिसने पाक को झकझोर कर रख दिया है. इनमें सिंधु जल समझौते का निलंबन और वाघा-अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे फैसले भी शामिल हैं. ऐसे में पाक अब सिंधु जल समझौते को लेकर लगातार भारत को धमकियां दे रहा है.

पाकिस्तान ने किया शिमला समझौता निलंबित
भारत के एक्शन से खिसयाते हुए पाकिस्तान ने ऐतिहासिक शिमला समझौते को निलंबित कर दिया. इसी बीच अब ऐसी खबरें आने लगी हैं कि पाकिस्तानी सरकार जल्द ही भारत के साथ ताशकंद समझौते को भी हटाने की तैयारी कर सकती है, जो 1966 में हुआ था. हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान की सरकार ताशकंद समझौते को खत्म करती है तो इससे खुद पाक को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. चलिए जानते हैं कि यह ताशकंद समझौता है क्या और इसके कारण पाकिस्तान कैसे मुश्किल में पड़ सकता है.

ताशकंद समझौता क्या है

1. ताशकंद समझौता 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 10 जनवरी, 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद शहर में हुआ था, इसी शहर के नाम पर इसे ताशकंद समझौता नाम भी दिया गया. इस समझौते पर भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के हस्ताक्षर हुए थे. यह समझौता रूस की मध्यस्थता में किया गया था.

2. इससे पहले भारत और पाकिस्तान के 1965 में हुए युद्ध के बाद 4 जनवरी, 1966 को लाल बहादुर शास्त्री और अयूब खान के बीच एक वार्ता शुरू हुई. इसके 6 दिन बाद ही दोनों 10 जनवरी को ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए. इस समझौते में खासतौर पर यह तय किया गया कि भारत और पाकिस्तान अपने-अपने बल का प्रयोग नहीं करेंगे. वह शांतिपूर्ण ढंग से अपने विवादों को सुलझाएंगे.

3. समझौते में कहा गया कि दोनों ही देश 25 फरवरी, 1966 तक अपनी सेनाओं को 5 अगस्त, 1965 की सीमा रेखा से पीछे हटा देंगे. इसके बाद दोनों ही देशों की स्थिति युद्ध से पहले वाली बनी रहेगी. वहीं, दोनों देशों ने आपसी हित पर सभी स्तरों पर वार्ताएं जारी रखने पर सहमति जताई.

पाकिस्तान मार रहा अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी
दूसरी ओर अब अगर इस समझौते के टूटने के बाद नतीजों पर ध्यान दिया जाए तो इस कारण पाकिस्तान को भारी नुकसान हो सकता है. अगर पाक इस समझौते से पीछे हटता है तो इसका मतलब है कि वह अब से इस समझौते की कोई भी शर्तें को नहीं मानेगा. इससे भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर बड़ा असर पड़ेगा.

सीमा पर स्थिरता खत्म होगी
ताशकंद समझौते की शर्तों के कारण भारत और पाकिस्तान को LoC पर शांति बनाए रखने की पूरी कोशिश करनी पड़ती थी, लेकिन अब अगर यह समझौता खत्म होता है तो LoC पर तनाव बढ़ने की पूरी संभावनाएं हैं. दोनों देशों की सेनाएं बिना किसी कानूनी रोक-टोक के एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई कर पाएंगी.

भारत के पास LoC पार करने का मौका
ताशकंद समझौते की वजह से आज तक भारत LoC पार करके पाकिस्तान में कार्रवाई करने से बचने की कोशिश करता रहा, लेकिन अगर समझौता पाकिस्तान की ओर से ही खत्म हो जाता है तो भारत को LoC पार करने के लिए किसी भी कानूनी अड़चन का भी सामना नहीं करना पड़ेगा. ऐसे में भारत अपनी रणनीति के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में घुस सकता है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकाने बने हुए हैं, यहीं से भारत पर हमले किए जाते हैं.

भारत की रणनीति
ताशकंद समझौता खत्म होने से भारत को अपनी सैन्य रणनीति में बदलाव करने का मौका मिल पाएगा. भारत LoC के पास अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा सकता है और आतंकवाद के खिलाफ भी पहले से ज्यादा आक्रामक रवैया अपना सकता है. भारत के लिहाज से यह समझौता खत्म होते ही भारत को क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिल जाएगी. इसके अलावा अगर भारत LoC पार करके PoK में कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ेगा. उसे मजबूर होकर अपने आतंकी ठिकानों को खत्म करना होगा और अगर पाक ऐसा नहीं करता तो उसे भारत की कार्रवाइयों का सामना करना होगा.

ये भी पढ़ें- Pahalgam: क्या पीएम मोदी ने फिर दिया सैन्य हमले का संकेत? उरी और पुलवामा आतंकी हमलों के बाद जैसी बोली

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.
Read More