प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी राष्ट्रीय पर्व पर भाषण देने लाल किले पर पहुंचते हैं, तो उनके साफे का रंग और स्टाइल लोगों की नजरों में आ जाता है. हर साल वो अलग रंग की खास पगड़ी पहनते हैं, जो कभी परंपरा को दर्शाती है, तो कभी किसी भावना को. इस बार भी चर्चा है कि 15 अगस्त के मौके पर पीएम मोदी एक खास रंग का साफा पहन सकते हैं. चलिए जानते हैं कि इस बार क्या होगा साफे का रंग और उसके पीछे का कारण.
हर साल खास होता है पहनावा
पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर पहने गए साफे कई बार सुर्खियों में रहे हैं. कभी वो राजस्थान की पारंपरिक बंधेज पगड़ी पहनते हैं, तो कभी केसरिया, गुलाबी या तिरंगे के रंगों की पगड़ी. हर साफे का एक मतलब रहा है, कभी वो गर्व और परंपरा से जुड़ा होता है, तो कभी देश के किसी भाव को दर्शाता है. यही वजह है कि हर साल उनके पहनावे पर लोगों की खास नजर रहती है.
साफे का रंग होगा बड़ा संकेत
इस बार पीएम मोदी एक ऐसा रंग चुन सकते हैं, जो हाल ही में देश में हुई एक बड़ी घटना से जुड़ा है. दरअसल, कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. इस हमले में बहुत सी पत्नियों ने अपने पतियों को खोया है. उनके लिए ये घटना कभी ना भूलने वाली बन गई. ऐसे में इस बार प्रधानमंत्री एक भावनात्मक और सिंबॉलिक रंग का साफा पहन सकते हैं, जो उन शहीदों और उनके परिवारों को एक तरह की श्रद्धांजलि हो सकती है.
ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद देश का संदेश
पहलगाम हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. पीएम मोदी ने खुद इस अभियान को देश की बेटियों और बहनों के सम्मान से जोड़ा और इसे सिंदूर जैसा पवित्र बताया. इसलिए माना जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनका साफा भी सिंदूरी रंग का हो सकता है.
सिर्फ पहनावा नहीं, एक सोच का प्रतीक
पीएम मोदी का पहनावा अक्सर एक सोच या संदेश को दिखाता है. अगर इस बार उनका साफा उस घटना से जुड़ी भावना को सामने लाता है, तो ये सिर्फ एक रंग नहीं होगा, बल्कि एक ऐसा प्रतीक बन जाएगा जो देश की संवेदना, ताकत और संकल्प को दर्शाएगा.