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भारतीय वायुसेना को कब मिलेगा ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर? ताकत ऐसी कि दुश्मन नाम सुनते ही भाग उठता है उल्टा पांव!

Prachand helicopter updates: यह हेलीकॉप्टर विशेष रूप से ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसकी क्षमता दुनिया के कुछ चुनिंदा हेलीकॉप्टरों में ही मिलती है.

भारतीय वायुसेना को कब मिलेगा ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर? ताकत ऐसी कि दुश्मन नाम सुनते ही भाग उठता है उल्टा पांव!
  • दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाला हेलीकॉप्टर
  • मार्च 2025 में 156 प्रचंड की खरीद को मिली थी मंजूरी

Prachand helicopter India features: भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहा है, और इसमें स्वदेशी निर्माण का बड़ा हाथ है. इसी कड़ी में देश का अपना हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) 'प्रचंड' भारतीय सेना और वायुसेना की ताकत में एक महत्वपूर्ण इजाफा कर रहा है. यह न केवल देश की रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' को भी मजबूती देगा. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भारत ने अपने इतिहास के सबसे बड़े घरेलू रक्षा सौदों में से एक को मंजूरी दी है, जिससे 'प्रचंड' हेलीकॉप्टरों का बेड़ा और भी बड़ा होने वाला है.

'प्रचंड' का बढ़ता बेड़ा और डिलीवरी की समय-सीमा
भारतीय वायुसेना ने 3 अक्टूबर 2022 को 'प्रचंड' हेलीकॉप्टर को अपने बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल किया था, जिसमें शुरुआत में 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना को और 5 सेना को मिले थे. वहीं, मार्च 2025 में एक बड़े फैसले के तहत, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 156 और 'प्रचंड' लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी है.

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इस बड़े ऑर्डर में से 90 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को और 66 भारतीय वायुसेना को मिलेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन नए हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2028 से 2033 के बीच होने की उम्मीद है, जिसमें पहली खेप 2028 तक आ सकती है.

ऊंचाई पर मार करने में सक्षम
'प्रचंड' की सबसे बड़ी खासियत इसकी ऊंचाई वाले इलाकों में बेहतरीन प्रदर्शन करने की क्षमता है. HAL द्वारा निर्मित यह दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है, जो 5,000 मीटर यानी 16,400 फीट की ऊंचाई पर भी हथियारों और ईंधन के भारी भार के साथ सफलतापूर्वक उतरने और उड़ान भरने में सक्षम है.

वहीं, सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे दुर्गम और ऊंचे इलाकों में इसके सफल परीक्षण हुए हैं. 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऐसे हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता महसूस की गई थी, जिसके बाद 'प्रचंड' के डेवलपमेंट करना शुरू किया गया था.

कई घातक हथियारों से लैस
'प्रचंड' कई तरह के घातक हथियारों से लैस है, जो इसे युद्ध के मैदान में एक अजेय बढ़त दिलाता है. डिफेंस रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें 20 मिमी की नोज गन और 70 मिमी के रॉकेट पॉड लगे हैं. वहीं इसके अलावा, यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों जैसे फ्रेंच मिस्ट्रल-2 और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों ध्रुवास्त्र एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को भी दागने में सक्षम है.

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इतना ही नहीं, यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर सकता है. साथ ही, बंकरों को भेद सकता है, टैंकों को तबाह कर सकता है और ड्रोन से निपटने में भी प्रभावी है. 'प्रचंड' में दुश्मन के रडार से बचने की एडवांस स्टेल्थ फीचर्स भी शामिल हैं, जिसमें रडार-ऑब्जर्व टेक्नोलॉजी, क्रैश-प्रूफ स्ट्रक्चर और प्रेशर-फ्री केबिन शामिल हैं, जो इसे परमाणु, जैविक और रासायनिक यानी NBC खतरों से भी सुरक्षा देता है.

क्या है प्रचंड हेलीकॉप्टर की स्पीड और रेंज?
'प्रचंड' एक 5.8 टन वजनी, दो इंजनों वाला हेलीकॉप्टर है, जिसकी अधिकतम स्पीड 288 किलोमीटर प्रति घंटा है. इसका कॉम्बैट रेडियस यानी लड़ने का दायरा 500 किलोमीटर है, जिसका मतलब है कि यह लंबी दूरी तक दुश्मन के इलाके में घुसकर प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकता है.

इसमें आधुनिक ग्लास कॉकपिट, हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम और फॉरवर्ड-लुकिंग इन्फ्रारेड सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं, जो पायलटों को रात में भी सटीक निशाना लगाने और निगरानी करने में मदद करती हैं. आतंकवाद विरोधी अभियानों से लेकर हवाई रक्षा और बख्तरबंद युद्ध तक, 'प्रचंड' कई तरह के मिशनों को पूरा करने में सक्षम एक मल्टीरोल प्लेटफॉर्म है. जिसका नाम सुनते ही दुश्मन कांप उठता है.

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