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इंडियन एयरफोर्स को रूस देगा 'ओखोटनिक-B ड्रोन', आखिर इसे क्यों कहतें हैं 'आसमान का हंटर'? जानें खासियत

इंडियन एयरफोर्स के लिए रूस ने दुनिया के सबसे घातक ड्रोन देने का ऑफर किया है. जिसकी क्षमता से दुश्मनों की नींद उड़ने वाली है.

इंडियन एयरफोर्स को रूस देगा 'ओखोटनिक-B ड्रोन', आखिर इसे क्यों कहतें हैं 'आसमान का हंटर'? जानें खासियत
  • रूस ने दिया भारत को घातक ड्रोन का ऑफर
  • पांचवी पीढ़ी के साथ मिलकर भरेगा उड़ान

भारतीय वायुसेना के लिए रूस ने अपने सबसे खास और खतरनाक ड्रोन, S-70 ओखोटनिक-B (Okhotnik-B) अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल (UCAV) को देने की पेशकश की है. इस ड्रोन को अक्सर 'आसमानी हंटर' कहा जाता है, और इसकी क्षमताएं इतनी जबरदस्त हैं कि यह किसी भी युद्ध का रुख मोड़ सकता है. आइए, इस बेजोड़ ड्रोन की खासियतों को विस्तार से जानते हैं.

'आसमानी हंटर' क्यों कहलाता है ओखोटनिक-B?
S-70 ओखोटनिक-B सुखोई द्वारा विकसित एक भारी और अत्याधुनिक मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन है. इसे 'आसमानी हंटर' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह बेहद मुश्किल और खतरनाक मिशन को अंजाम देने में माहिर है.

स्टील्थ डिज़ाइन- यह 'फ्लाइंग-विंग' डिज़ाइन पर आधारित है, यानी यह किसी पंख की तरह दिखता है और इसकी बनावट ऐसी है कि यह दुश्मन के रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आता. इसमें खास कंपोजिट मटेरियल और स्टील्थ कोटिंग्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह दुश्मनों की नजरों से छिपा रहता है.
भारी पेलोड क्षमता- ओखोटनिक-B लगभग 2.8 टन तक का पेलोड (Payload) यानी हथियार और उपकरण ले जा सकता है. इसमें सटीक-निर्देशित मिसाइलें और बम शामिल हैं, जो इसे हमला करने में बेहद सक्षम बनाते हैं.
मल्टीरोल मिशन- यह केवल हमला करने वाला ड्रोन नहीं है, बल्कि यह कई तरह के मिशनों को अंजाम दे सकता है. इसमें दुश्मन की खुफिया जानकारी जुटाना, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध करना और दुश्मन के इलाकों में गहरे हमले शामिल हैं.
लंबी दूरी- इसकी रेंज 6,000 किलोमीटर तक बताई जाती है. यह लंबी दूरी तक उड़ान भरने और मिशन को अंजाम देने में सक्षम है, जिससे यह दुश्मन के भारी सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्र में घुसने के लिए एक आदर्श विकल्प बन जाता है.
पायलट वाले विमानों का साथी- इस ड्रोन को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों, जैसे रूसी Su-57E के साथ मिलकर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है.

इसे 'मैनड-अनमैन्ड टीमिंग (MUM-T)' कहा जाता है, जहां पायलट वाला विमान 'कमांड-एंड-कंट्रोल' का काम करता है और ओखोटनिक-B उसके निर्देशों पर खतरों को तलाशता या हमला करता है. यह हमारे पायलट वाले विमानों के लिए जोखिम को काफी कम कर देता है.

बता दें, ओखोटनिक-B ड्रोन अपनी स्टील्थ क्षमताओं, भारी मारक क्षमता और मल्टी-टास्किंग विशेषताओं के कारण भविष्य के युद्धों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी हथियार है.

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