हर कोई एक ऐसे शहर में रहना चाहता है, जहां वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सके. भारत जैसे विशाल देश में सुरक्षा को लेकर हर शहर की स्थिति अलग होती है. हाल के सरकारी आंकड़ों और रिपोर्टों के अनुसार, 2025 में भारत के सबसे सुरक्षित शहर का दर्जा किसे मिला है? यह जानना ना सिर्फ रोचक नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए उपयोगी भी है. आइए जानते हैं 2025 में भारत का सबसे सुरक्षित शहर कौन है और इसके पीछे क्या कारण हैं.
कोलकाता: भारत का सबसे सुरक्षित शहर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, कोलकाता लगातार कई सालों से सबसे सुरक्षित शहरों में गिना जाता है. 2022 के डेटा में भी कोलकाता ने सबसे कम अपराध दर (78.2 अपराध प्रति लाख आबादी) के साथ पहला स्थान हासिल किया था. यह ट्रेंड 2025 में भी जारी है.
कोलकाता को सुरक्षित बनाने वाले कारण
कोलकाता को सुरक्षित बनाने में कई कारण शामिल हैं, जैसे अपराध की घटनाओं में लगातार गिरावट, शहर भर में पुलिस की मौजूदगी और निगरानी की मजबूत व्यवस्था. महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग सुरक्षा बल. CCTV कैमरों की संख्या में इजाफा. कोलकाता ना सिर्फ सांस्कृतिक राजधानी है, बल्कि अब सुरक्षा के मामले में भी उदाहरण बन चुका है.
चेन्नई: दूसरा सबसे सुरक्षित शहर
चेन्नई को देश का दूसरा सबसे सुरक्षित शहर माना गया है. यहां अपराध दर 173.5 प्रति लाख आबादी है. शहर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रयास किए गए हैं. चेन्नई की सुरक्षा के पीछे कई कारण हैं, जैसे महिला पुलिस स्टेशनों की स्थापना, हेल्पलाइन नंबर की मुस्तैदी, सड़कों पर बेहतर रोशनी और सीसीटीवी कवरेज. चेन्नई ने अपने सिस्टम को डिजिटल और तेज बनाया है, जिससे पुलिस की जवाबदेही भी बढ़ी है.
कोयंबतूर, सूरत और पुणे
तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर कोयंबतूर, सूरत और पुणे जैसे शहर हैं. इन शहरों में भी अपराध दर अन्य महानगरों की तुलना में काफी कम है.
कोयंबतूर:
यह तमिलनाडु का एक शांत और व्यवस्थित शहर है, जहां पुलिस और आम लोगों में बेहतर संवाद है.
सूरत:
गुजरात का यह शहर अपने तेज विकास और अनुशासित व्यवस्था के लिए जाना जाता है. यहां आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है.
पुणे
शैक्षणिक और आईटी हब होने के बावजूद पुणे की कानून व्यवस्था मजबूत बनी हुई है. महिलाओं और युवाओं के लिए यहां सुरक्षा के बेहतर साधन मौजूद हैं.