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भारत के किन-किन राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक? जो मौसम के साथ-साथ बदलते रहे पार्टी

सत्यपाल मलिक ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. वो जम्मू कश्मीर के आखिरी राज्यपाल थे, उन्ही के सामने इस राज्य से अनुच्छेद 370 का अंत हुआ. आसान शब्दों में समझे तो सत्यपाल मलिक अनुच्छेद-370 हटने के साक्षी रहे. कभी कांग्रेसी, कभी भाजपाई, ऐसे उनका सियासी सफर बदलता गया. आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि वो भारत के किन-किन राज्यों के राज्यपाल रहे.

भारत के किन-किन राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक? जो मौसम के साथ-साथ बदलते रहे पार्टी
  • जो जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के साक्षी रहे
    सत्यपाल मलिक के सियासी सफर पर एक नजर...

Satyapal Malik Story: भारत की सियासत के एक और धुरंधर ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. कभी मोदी सरकार में भरोसेमंद सलाहकार रहे, तो कभी मोदी और भाजपा के कट्टर विरोधी, कभी कांग्रेस के वफादार रहे, तो कभी कंग्रेस के बड़े आलोचक... यहां बात सत्यपाल मलिक की हो रही है. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया. 79 वर्षीय सत्यपाल मलिक लंबे समय से बीमार थे. उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आखिरी सांस ली.

भारत के किन-किन राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक?

सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर के अलावा बिहार, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों में राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं. सबसे दिलचस्प बात कि सत्यपाल मलिक जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के साक्षी रहे. मलिक का सियासी सफर बेहद रोचक रहा, वक्त के साथ जैसे-जैसे मौसम बदला, वो पार्टी भी बदलते रहे. कभी कांग्रेस, कभी जनता दल, तो कभी भाजपा. सत्यपाल मलिक ने सभी नाव की सवारी की.

जाट वोटबैंक के लिए अहम किरदार रहे हैं पूर्व राज्यपाल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में सत्यपाल मलिक की अच्छी खासी पैठ मानी जाती थी. जन्म की बात करें तो वो तारीख थी 25 जुलाई 1946, जगह था उत्तर प्रदेश के बागपत जिला... यहीं पर एक जाट परिवार में सत्यपाल मलिक का जन्म हुआ था. मेरठ से उन्होंने अपनी शिक्षा हासिल की. राजनीतिक सफर की बात करें तो सत्यपाल मलिक ऐसे राजनेता थे, जो मौका देख कांग्रेस, जनता दल और भाजपा की नाव पर सवार हुए.

कब किस पार्टी के साथ रहे सत्यपाल मलिक? जानें सबकुछ

  • लोहिया की समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर उन्होंने 1965-66 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा.
  • 1974 में वह बागपत विधानसभा क्षेत्र से भारतीय क्रांति दल के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए.
  • विधायक बनने के बाद सत्यपाल मलिक विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक नियुक्त किए गए.
  • 1980 में 'लोकदल' के सहारे उन्होंने संसद में कदम रखा। वह राज्यसभा सदस्य मनोनीत किए गए थे.
  • 4 साल बाद 'लोकदल' छोड़कर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया.
  • 1986 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव की जिम्मेदारी दी.
  • 1987 में 'बोफोर्स घोटाले' से खफा होकर, राज्यसभा के साथ-साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अपनी पार्टी 'जन मोर्चा' का गठन किया.
  • 1988 में उन्होंने अपनी पार्टी का जनता दल में विलय कर लिया.
  • 1989 में जनता दल के टिकट पर वह अलीगढ़ से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए.
  • 2004 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर बागपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा.
  • 2012 में भाजपा ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया.
  • 2017 तक वह राजनीति से दूर हो गए और भाजपा ने उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया.
  • 23 अगस्त 2018 को सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में शपथ ली.
  • बाद में, वे गोवा चले गए और 18वें राज्यपाल बने। फिर, उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था.
  • अपने राजनीतिक जीवन में वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल बनने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में आए.

सत्यपाल मलिक के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किया गया और एक पूर्व राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था. संयोग है कि उनके कार्यकाल में ही ठीक 6 साल पहले, 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, जो भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जाता है.

सत्यपाल मलिक के निधन पर कई नेताओं ने जताया दुख

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत कई पार्टियों के नेताओं ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट डालकर दुख जताया. सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को 1 बजकर 12 मिनट पर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में आखिरी सांस ली. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सत्यपाल मलिक के निधन पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'पूर्व राज्यपाल व किसान हितैषी नेता, सत्यपाल मलिक के निधन का समाचार बेहद दुखद है. वे बेबाकी और निडरता से सत्ता को सच्चाई का आईना दिखाते रहे. शोकाकुल परिवारजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.'

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी के निधन की ख़बर सुनकर बेहद दुख हुआ. मैं उन्हें हमेशा एक ऐसे इंसान के रूप में याद करूंगा, जो आख़िरी वक्त तक बिना डरे सच बोलते रहे और जनता के हितों की बात करते रहे. मैं उनके परिवारजनों, समर्थकों और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.' कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा, 'देश के किसानों की मुखर आवाज एवं पूर्व राज्यपाल सत्यपाल सिंह मलिक जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. शोक-संतप्त परिवारजनों एवं समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.'

अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव ने क्या कहा?

दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, 'पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. भारतीय राजनीति ने एक ऐसा व्यक्तित्व खोया है जो सत्ता के सामने भी सच बोलने का साहस रखता था. वे न सिर्फ एक अनुभवी राजनेता थे, बल्कि देशहित के मुद्दों पर निडर होकर अपनी बात कहने वाले विरले नेताओं में से एक थे. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को यह कठिन समय सहने की शक्ति दें.'

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखा, 'गोवा, बिहार, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे श्री सत्यपाल मलिक जी का निधन, अत्यंत दुःखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं.'

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